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HC: बाबा रामदेव को मिली राहत, 'ऊँ' पर रोक लगाने के खिलाफ याचिका खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार को बड़ी राहत दी है। पतंजली द्वारा निर्मित टॉयलेटरीज़ उत्पादों पर ऊँ' प्रतीक चिह्न लगाने से रोकने की मांग को लेकर दाखिल याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि प्रतीक चिह्न 'ऊँ' और रामदेव की फोटो लगी होने से किसी कानून का उल्लंघन नहीं होता। याची ने याचिका जनहित में न दाखिल कर प्रचार पाने के लिए दाखिल किया है। कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार को बड़ी राहत दी है। पतंजली द्वारा निर्मित टॉयलेटरीज़ उत्पादों पर ऊँ' प्रतीक चिह्न लगाने से रोकने की मांग को लेकर दाखिल याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि प्रतीक चिह्न 'ऊँ' और रामदेव की फोटो लगी होने से किसी कानून का उल्लंघन नहीं होता। याची ने याचिका जनहित में न दाखिल कर प्रचार पाने के लिए दाखिल किया है। कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
आहत होती है धार्मिक भावना
यह आदेश न्यायमूर्ति वी.के.शुक्ला तथा न्यायमूर्ति एम.सी.त्रिपाठी की खण्डपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता रवींद्र सिंह कुशवाहा की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता का कहना था कि पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के लोगो में 'ऊँ' हिंदू धर्म का मंत्र है। जैन, सिक्ख और बौद्ध धर्म में इसे मंत्र माना जाता है। इस धार्मिक चिह्न को टॉयलेट प्रोडक्ट पर इस्तेमाल करने से धार्मिक भावना को ठेस पहुंचती है।
क्या कहना है याची का?
याची का कहना था कि ट्रेडमार्क एक्ट की धारा 9 के तहत धार्मिक भावना को आहत करने वाले चिह्नों का पंजीकरण नहीं होना चाहिए।भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (ए) के तहत ऐसा करना अपराध है। कोर्ट ने न्यायिक निर्णयों पर विचार करते हुए कहा कि इससे याची के किसी कानूनी अधिकार का हनन नहीं हो रहा। याचिका बलहीन है।