TRENDING TAGS :
HC का आदेश- 30 सितंबर तक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के द्वारा आयुष छात्रों को दें दाखिला
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कराते हुए 30 सितंबर तक आयुष में दाखिले की प्रक्रिया सम्पन्न कर ली जाए।
लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कराते हुए 30 सितंबर तक आयुष में दाखिले की प्रक्रिया सम्पन्न कर ली जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार का 10 जुलाई 2017 का वह शासनादेश भी निरस्त कर दिया है जिसमें आयुष में दाखिले नीट की मेरिट लिस्ट के अनुसार किए जाने की व्यवस्था की गई थी।
यह आदेश जस्टिस डीके उपाध्याय की एकल सदस्यीय पीठ ने अमित कुमार और अन्य की याचिका पर पारित किया। याचिका में सरकार के 10 जुलाई 2017 के शासनादेश को चुनौती दी गई थी।
याचियों की ओर से दलील दी गई थी कि नीट परीक्षा के विज्ञापन में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि उक्त परीक्षा एलोपैथिक स्ट्रीम में दाखिले के लिए कराई जा रही है।
विज्ञापन में यह नहीं कहा गया था कि आयुष में दाखिले भी नीट के द्वारा होंगे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि 26 अप्रैल 2017 को केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को पत्र लिख कर कहा गया कि साल 2017-18 के सत्र के लिए आयुष में दाखिले नीट की मेरिट लिस्ट से किए जाएं।
यह भी पढ़ें ... आयुष पाठ्यक्रम में नीट की मेरिट से दाखिले गलत, छात्रों के मौलिक अधिकार का हनन
हालांकि, केंद्र की ओर से यह भी छूट दी गई कि यदि 2017-18 के सत्र में यह संभव न हो तो 2018-19 के सत्र से इस व्यवस्था को अवश्य लागू कर दिया जाए और 2017-18 के लिए राज्य सरकार कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से दाखिले कर कर सकती है।
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि 1 मार्च की अंतिम तारीख बीतने के इतने समय के बाद 10 जुलाई को उक्त शासनादेश जारी कर दिया गया। तमाम छात्र जो आयुष में दाखिला चाहते थे, उन्होंने नीट के लिए आवेदन नहीं किया था क्योंकि उन्हें यह जानकारी नहीं दी गई थी कि आयुष में भी दाखिला नीट की मेरिट लिस्ट के जरिये होगा। ऐसे छात्रों के लिए यह अप्रत्याशित फैसला था।
कोर्ट ने कहा कि इसका परिणाम प्रभावित छात्रों के परीक्षा देने के मौलिक अधिकार के खंडन के रूप में हुआ। याचियों के अधिवक्ता रजत राजन सिंह के अनुसार राज्य सरकार का कहना था कि वह आयुष स्ट्रीम में योग्य छात्रों को लेना चाहती थी इसीलिए नीट के माध्यम से दाखिला किए जाने का निर्णय लिया गया।
इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या राज्य सरकार स्वयं कॉमन एंट्रेंस टेस्ट करा के दाखिले लेती तो योग्य छात्र न मिलते। कोर्ट ने 10 जुलाई के शासनादेश को निरस्त करते हुए, आदेश दिया कि 30 सितंबर तक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कराते हुए, आयुष में दाखिले की प्रक्रिया सम्पन्न कर ली जाए।