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UP के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, संपत्तियां कुर्क के खिलाफ अर्जी खारिज...करें सरेंडर
Amarmani Tripathi News: यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की तरफ से संपत्तियां कुर्क किए जाने के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी। आज अदालत ने इस पर फैसला सुनाया।
Amarmani Tripathi Case: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और पूर्वांचल के बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi News) को शुक्रवार (22 मार्च) को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा। हाईकोर्ट ने अमरमणि की ओर से संपत्तियां कुर्क करने के आदेश के खिलाफ दाखिल अर्जी को खारिज कर दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अमरमणि मामले में दखल देने से इनकार किया। अमरमणि को अब बस्ती की जिला अदालत (Basti District Court) में सरेंडर करना होगा। सरेंडर करने के बाद बेल पर बस्ती की जिला अदालत फैसला करेगी। पूर्व मंत्री को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। इसलिए अब अमरमणि त्रिपाठी पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है।
ऑर्डर शीट बंद लिफाफे में तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह आदेश जस्टिस संजय कुमार सिंह (Justice Sanjay Kumar Singh) की अदालत ने आज सुनाया। इससे पहले, कोर्ट ने पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की ओर से दाखिल दस्तावेजों, सरकार की ओर से पेश हलफनामे में तथ्यों की भिन्नता पाए जाने पर ट्रायल कोर्ट (Trial Court) की ऑर्डर शीट बंद लिफाफे में तलब की थी।
36 क्रिमिनल मामलों का इतिहास
हाईकोर्ट में आज अभियोजन (Prosecution) की ओर से पेश दस्तावेजों में 36 क्रिमिनल मामलों का इतिहास होने की बात बताई। वहीं, पूर्व मंत्री की ओर से केवल 20 मामलों का खुलासा किया गया था। हालांकि, सरकार की ओर से पेश आपराधिक इतिहास को काफी पुराना बताकर पूर्व मंत्री के वकील ने स्वीकार किया था। इसके बाद अदालत ने 20 मार्च को फैसला सुरक्षित कर लिया था।
जानिए किस मामले में आई आफत?
यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी ने बस्ती के MP/MLA कोर्ट (MP/MLA Court of Basti) की ओर से संपत्ति की कुर्की के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। यह मामला बस्ती के कोतवाली थाना क्षेत्र का है। 6 दिसंबर, 2001 को व्यापारी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल का अपहरण हुआ था। उसे अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ आवास से बरामद किया गया था। मामले में कोतवाली थाने में पूर्व मंत्री अमरमणि समेत 9 पर अपहरण का मामला दर्ज किया गया था।
UP के प्रमुख सचिव गृह और DGP से ये कहा था कोर्ट ने
मामले की जांच के बाद पुलिस की ओर से दाखिल चार्ज शीट पर बस्ती के MP/MLA कोर्ट ने ट्रायल शुरू किया। जिसके बाद पूर्व मंत्री को तलब किया गया था। लेकिन, वह अदालत में हाजिर नहीं हुए। कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट (NBW) भी जारी किया था। फिर भी पुलिस उन्हें अदालत में पेश नहीं कर सकी थी। इस पर नाराज स्पेशल कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को पूर्व मंत्री की संपत्ति की कुर्की के साथ हर हाल में 20 मार्च को कोर्ट के सामने हाजिर करने के आदेश दिए थे।