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इलाहाबाद HC ने कहा- सरकार बताए, बूचड़खाने खोलने की क्या है उसकी नीति?

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झांसी में बूचड़खाना न होने के कारण मीट की दुकान का लाइसेंस न देने के खिलाफ याचिका पर नगर निगम झांसी को नोटिस जारी की है और राज्य सरकार व निगम से हलफनामा मांगा है।

tiwarishalini
Published on: 25 May 2017 9:24 PM IST
इलाहाबाद HC ने कहा- सरकार बताए, बूचड़खाने खोलने की क्या है उसकी नीति?
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हाईकोर्ट में उठा मुद्दा, क्या यूपी सरकार पानी पर टैक्स लगा सकती है?

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झांसी में बूचड़खाना न होने के कारण मीट की दुकान का लाइसेंस न देने के खिलाफ याचिका पर नगर निगम झांसी को नोटिस जारी की है और राज्य सरकार व निगम से हलफनामा मांगा है।

कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि पशु वधशाला स्थापित करने की राज्य सरकार की नीति क्या है? पशु वधशाला राज्य सरकार या नगर निगम या प्राइवेट व्यक्ति के द्वारा किससे संचालित किया जाएगा?

सरकार मांस खाने वालों को उनके अधिकार से बिना ठोस वजह के वंचित नहीं कर सकती। कोर्ट ने याचिका पर एक महीने में जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी।

यह आदेश चीफ जस्टिस डी.बी.भोसले और जस्टिस एम.के.गुप्ता की खंडपीठ ने मीट व्यवसायी यूनिस खान की याचिका पर दिया है। याची वकील करन सिंह यादव का कहना है कि वह मीट की दुकान चलाना चाहता है।

शहर में बूचड़खाना न होने के कारण लाइसेंस नहीं दिया जा रहा है। याची का कहना है कि उसे बकरा और मुर्गा का वध करने की अनुमति देने का समादेश जारी किया जाए। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार और नगर निगम से जवाब मांगा है।

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