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Sonbhadra: अवैध मकानों को कैसे दिए वैध कनेक्शन और लाइसेंस, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

PIL में बताया गया है कि, एक तरफ निर्माण को अवैध बताने और दूसरी तरफ उसी निर्माण में शराब दुकान, मोटर गैरेज संचालन के लाइसेंस, बिजली कनेक्शन सहित अन्य गतिविधियों की अनुमति दी गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 26 Oct 2022 2:21 PM GMT
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इलाहाबाद हाईकोर्ट (Social Media)

Sonbhadra News : मिनी रत्न कंपनी नार्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (NCL) की जमीन पर कथित अवैध तरीके से निर्मित 900 मकानों का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाल ही में शक्ति नगर में पूर्व जिला पंचायत सदस्य मुनीब गुप्ता के होटल और एक सपा नेता के निर्माण को धराशायी कर वाहवाही लूटने वाली NCL प्रबंधन और प्रशासन की तरफ से शेष निर्माण और मकानों को लेकर ढील क्यों बरती जा रही है, इस पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं।

वहीं, अगर एनसीएल की दुकान पर हुए निर्माण अवैध हैं, तो उन मकानों में शराब की दुकान के लाइसेंस, मोटर गैरेज के लाइसेंस, वैध बिजली कनेक्शन आदि किस नियम-प्रावधान के तहत दिए गए हैं। इस पर भी इलाहाबाद हाईकोर्ट का ध्यान आकृष्ट किया गया है। इस मामले में एनसीएल की तरफ से कुछ मसलों को लेकर जवाब भी दाखिल हुए हैं। लेकिन, अभी राज्य सरकार की तरफ से किसी भी सरकारी विभाग ने जवाब दाखिल नहीं किया है। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति सैयद आफताब हुसैन की बेंच ने जहां राज्य सरकार से जुड़े विभागों को अपना पक्ष स्पष्ट करने का आदेश दिया। वहीं, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की पीठ ने 14 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।

राघवेंद्र प्रताप सिंह ने हाईकोर्ट में दाखिल की PIL

राघवेंद्र प्रताप सिंह ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता अनुराग प्रताप सिंह के जरिए पीआईएल दाखिल कर बताया है, कि NCL की यूपी स्थित जमीन पर 900 से अधिक मकान बने हुए हैं। एनसीएल प्रबंधन इसे अवैध निर्माण करार देता रहा है। लेकिन, अब तक इन्हें हटाने को लेकर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए। पिछले दिनों में शक्तिनगर से एक-दो निर्माण अवश्य हटाए गए थे, लेकिन उसके बाद अब तक कथित अवैध निर्माण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

..फिर लाइसेंस कैसे मिली?

PIL में बताया गया है कि, एक तरफ निर्माण को अवैध बताने और दूसरी तरफ उसी निर्माण में शराब दुकान, मोटर गैरेज संचालन के लाइसेंस, बिजली कनेक्शन सहित अन्य गतिविधियों की अनुमति दी गई है। अधिवक्ता अनुराग प्रताप सिंह ने बताया कि, इन सारे मसलों पर हाईकोर्ट की तरफ से एनसीएल सहित अन्य पक्षकारों को अपना पक्ष रखने के लिए आदेश दिए गए हैं।

726 मकानों के बारे में कोई जानकारी नहीं

एनसीएल की तरफ से जवाब तो दाखिल किया गया है, लेकिन 726 मकानों के बारे में अभी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। वहीं, राज्य सरकार की तरफ से किसी भी पक्ष ने अभी तक जवाब दाखिल नहीं किया है। हाईकोर्ट की तरफ से राज्य सरकार से जुड़े विभागों को भी अपना स्टैंड क्लीयर करने का आदेश दिया गया है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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