×

इलाहाबाद HC ने राज्य सरकार से पूछा, हेड कांस्टेबलों को विवेचना देने में भेदभाव क्यों?

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हेड कांस्टेबलों को भी आपराधिक मामलों की विवेचना का अधिकार सौंपने में भेदभाव करने वाले सरकारी आदेश की वैधता के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 8 मई को होगी। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने हेड कांस्टेबल रमेश चंद्र सहित 7 अन्य की याचिका पर दिया है।

priyankajoshi
Published on: 3 May 2017 8:30 PM IST
इलाहाबाद HC ने राज्य सरकार से पूछा, हेड कांस्टेबलों को विवेचना देने में भेदभाव क्यों?
X

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हेड कांस्टेबलों को भी आपराधिक मामलों की विवेचना का अधिकार सौंपने में भेदभाव करने वाले सरकारी आदेश की वैधता के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 8 मई को होगी। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने हेड कांस्टेबल रमेश चंद्र सहित 7 अन्य की याचिका पर दिया है।

याची का कहना है कि जो पहले प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल बने थे, सभी को विवेचना का अधिकार दिया गया है। जबकि बाद में प्रमोशन पाए लोगों को 7 साल की सेवा होने पर ही विवेचना सौंपा जा रहा है। यह विभेदकारी है।

कानून सभी पर समान रूप से लागू हो

कोर्ट का कहना था कि विवेचना के लिए 7 साल के अनुभव को रखना सही है, लेकिन यह सभी हेड कांस्टेबलों पर समान रूप से लागू होगा। अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता का कहना था कि 7 वर्ष का अनुभव सभी पर समान रूप से लागू है। इस पर कोर्ट ने स्पष्ट रूप से इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। कहा, कि अपराध की विवेचना के लिए 7 वर्ष का अनुभव रखना कानून के खिलाफ नहीं है।

priyankajoshi

priyankajoshi

इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

Next Story