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Nithari kand: चर्चित निठारी कांड में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सुरेंद्र कोली – मनिंदर पंढ़ेर को किया गया बरी
Nithari kand: मिली फांसी की सजा को रद्द कर दिया गया है। निचली अदालत ने इस मामले में दोनों को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।
Nithari kand: चर्चित निठारी कांड में सोमवार को प्रयागराज हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में फांसी की सजा पाए दो आरोपियों सुरेंद्र कोली और मनिंदर पंढ़ेर को बड़ी राहत दी है। उन्हें मिली फांसी की सजा को रद्द कर दिया गया है। निचली अदालत ने इस मामले में दोनों को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।
गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को 12 मामलों में और मनिंदर पंढ़ेर को दो मामलों में फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ दोनों ने प्रयागराज उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। 134 दिनों तक चली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 15 सितंबर को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था। सोमवार 16 अक्टूबर को जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस एस एच ए रिजवी की डिवीजन बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को इन मामलों में बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने अपने जजमेंट में कहा कि सीधे तौर पर मामले में कोई सबूत और गवाह नहीं होने के कारण दोनों को रिहा किया जाता है।
दोनों पर सीबीआई ने क्या लगाया था आरोप ?
सीबीआई ने निठारी कांड केस में कुल 16 मामले दर्ज किए थे। जांच एजेंसी ने सुरेंद्र कोली पर हत्या, अपहरण, रेप और सबूत मिटाने का आरोप लगाते हुए मामले में आरोपी बनाया था। वहीं, मनिंदर सिंह पंढ़ेर को मानव तस्करी केस में आरोपी बनाया गया था।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों ने दलील दी कि इस घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है। इस पूरा मामले में केवल वैज्ञानिक व परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर ही उन्हें दोषी ठहराया गया है और फांसी की सजा दे दी गई। इसलिए वे फांसी की सजा रद्द किए जाने की अपील करते हैं।