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Prayagraj: हाईकोर्ट ने पुलिस इंस्पेक्टर को डिप्टी एसपी बनाने का दिया निर्देश, एसीएस होम का आदेश रद्द

Prayagraj: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिविल पुलिस में तैनात इंस्पेक्टर को डिप्टी एसपी बनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने एडीशनल चीफ सेक्रेट्री होम के उस आदेश को रद्द कर दिया है ।

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 3 Oct 2022 7:34 AM GMT
High Court directs Police Inspector to make Deputy SP, order of ACS Home canceled
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 प्रयागराज: हाईकोर्ट ने पुलिस इंस्पेक्टर को डिप्टी एसपी बनाने का दिया निर्देश, एसीएस होम का आदेश रद्द: Photo- Social Media

Prayagraj: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सिविल पुलिस में तैनात इंस्पेक्टर को डिप्टी एसपी बनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने एडीशनल चीफ सेक्रेट्री होम के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसके द्वारा इंस्पेक्टर के प्रमोशन को सील बंद लिफाफे में करके डिप्टी एसपी नहीं बनाया गया था। यह आदेश जस्टिस नीरज तिवारी (Justice Neeraj Tiwari) ने इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह (Inspector Uday Pratap Singh) की याचिका को मंजूर करते हुए दिया है।

याची इंस्पेक्टर वर्तमान में फतेहगढ़ /फर्रुखाबाद में तैनात है। याचिका दाखिल कर एसीएस होम के 12 अगस्त 2021 को पारित आदेश को चुनौती दी गई थी। मांग की गई थी कि इस आदेश को रद्द करके याची इंस्पेक्टर को 28 मई 1997 तथा 9 जनवरी 2018 के शासनादेशों के क्रम में उसे डिप्टी एसपी बनाया जाए तथा उसके सीलबंद लिफाफे को खुलवाया जाय। इंस्पेक्टर के प्रमोशन को जौनपुर में तैनाती के दौरान दर्ज एक 302 के मुकदमे में आरोप पत्र दाखिल होने के आधार पर इन्कार किया गया था। याची के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 217, 218, 20, एवं 120 बी के तहत चार्जशीट दाखिल हुई थी।

याची का सर्विस रिकॉर्ड बेदाग है, कोई भी विभागीय कार्यवाही नहीं

याची इंस्पेक्टर की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि आरोप पत्र के आधार पर क्रिमिनल केस की अगली कार्रवाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से रोक लगी हुई है। बहस की गई थी कि केस लंबित होने के बावजूद याची को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर वर्ष 2006 में दरोगा से इंस्पेक्टर बनाया गया। याची का सर्विस रिकॉर्ड बेदाग है और कभी भी उसके खिलाफ कोई भी विभागीय कार्यवाही नहीं की गई है।

पद का कोई दुरुपयोग नहीं

यहां तक कि याची द्वारा दाखिल एक पूर्व याचिका में एडिशनल डायरेक्टर पुलिस ने सचिव गृह को अपना कमेंट भेजते हुए कहा है कि याची का रिकॉर्ड बेदाग है उसके खिलाफ कोई भी दंड नहीं है। उसका चरित्र अत्यंत स्वच्छ व सुंदर है तथा विगत 17 वर्षों से उसने अपने पद का कोई दुरुपयोग नहीं किया है।

कोर्ट ने याची के अधिवक्ता एवं सरकारी वकील को सुनने के बाद नीरज कुमार पांडे की केस में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को आधार बनाते हुए निर्देश दिया कि एसीएस होम का आदेश 12 अगस्त 2021 निरस्त किया जाता है। कोर्ट ने याची को डिप्टी एसपी पद पर पद समस्त परिणामी लाभ सहित पदोन्नति देने का भी निर्देश दिया है।

Shashi kant gautam

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