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Prayagraj News: गौ-तस्करी के आरोप में गिरफ्तार युवक के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर कोर्ट ने जताई कड़ी नाराज़गी, जानें पूरा मामला
Prayagraj News: गौ-तस्करी (cow smuggling) के आरोप में गिरफ्तार युवक को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है।
Prayagraj News: गौ-तस्करी (cow smuggling) के आरोप में गिरफ्तार युवक को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया पुलिस (UP Police) की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए गहरी नाराजगी जाहिर की है। प्रयागराज एसएसपी और संबंधित थाने के इंचार्ज से कोर्ट ने 3 सप्ताह के भीतर व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।
कोर्ट ने पूछा है कि जिस व्यक्ति को जिस तारीख में हिरासत में लिया गया, उस तारीख में उसके खिलाफ जब कोई अपराधिक मुकदमा नहीं था तो उसको हिरासत में लेने का क्या औचित्य था। कोर्ट ने बगैर मुकदमे के युवक को हिरासत में लेकर दो दिनों बाद मुकदमा लिखकर जेल भेजने के मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। मामले में अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में होगी। जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्रा और जस्टिस रजनीश कुमार की डिविजन बेंच ने पीड़ित मोहम्मद असरफ की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
युवक को हिरासत में लिया जाना ही पूरी तरह से अवैध- हाईकोर्ट
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में आरोप लगाया गया था कि मोहम्मद असरफ नाम के युवक को 17 मई 2022 को प्रयागराज की नवाबगंज पुलिस हिरासत में लेती है। पुलिस की तरफ से कहा जाता है कि वह एक मुकदमे में वांछित है। 19 मई को गौ तस्करी का मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया जाता है। पीड़ित के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मोहम्मद असरफ के खिलाफ 19 मई से पहले कोई मुकदमा दर्ज ही नही था। उसको हिरासत में लिया जाना ही पूरी तरह से अवैध है।
कोर्ट ने अधिवक्ता मोहम्मद हारिश की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए 26 मई को प्रयागराज पुलिस से जवाब तलब किया था। लेकिन पुलिस, मोहम्मद असरफ की गिरफ्तारी को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी। कोर्ट ने पीड़ित मोहम्मद असरफ को तीस मई को जेल से अदालत में पेश करने निर्देश दिया था।
पीड़ित मोहम्मद असरफ को तत्काल रिहा करने का आदेश
30 मई को कोर्ट के निर्देश पर पीड़ित मोहम्मद असरफ को जेल से लाकर अदालत में पेश किया गया। एसएसपी प्रयागराज और नवाबगंज थाना प्रभारी भी कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान कोर्ट ने पुलिस से मोहम्मद असरफ की गिरफ्तारी को लेकर सवाल किया, लेकिन पुलिस की तरफ से कोई ठोस और संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा सका। जिस पर कोर्ट ने पीड़ित मोहम्मद असरफ को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही एसएसपी प्रयागराज और नवाबगंज थाना प्रभारी से तीन सप्ताह के भीतर व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया है। जिसमे पुलिस को मोहम्मद असरफ की गिरफ्तारी को सही ठहराने के एविडेंस देने होंगे।