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बार अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ कार्रवाई के लिए 7 जजों की पीठ से अनुरोध

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज सुधीर अग्रवाल ने बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी और महासचिव सुरेश चंद्र पांडेय के खिलाफ सात जजों की पीठ के समक्ष एक पत्र भेजकर दोनों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है।

tiwarishalini
Published on: 24 July 2017 7:53 PM IST
बार अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ कार्रवाई के लिए 7 जजों की पीठ से अनुरोध
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इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज सुधीर अग्रवाल ने बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी और महासचिव सुरेश चंद्र पांडेय के खिलाफ सात जजों की पीठ के समक्ष एक पत्र भेजकर दोनों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है। जस्टिस अग्रवाल ने कहा है कि बार के अध्यक्ष और महासचिव ने कोर्ट में और उनके चैंबर में आकर उन्हें धमकी भरे लहजे में कहा कि आप मुकदमों की सुनवाई न करिए नहीं तो बार के वकील अशांत हो जाएंगे।

जस्टिस अग्रवाल ने अपने इस पत्र की प्रति चीफ जस्टिस के अलावा हाईकोर्ट के सभी जजों के समक्ष भेजी है। जस्टिस अग्रवाल के इस खत से खफा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया। वकीलों की मांग है कि जज का किसी अन्य प्रांत में तबादला किया जाए।

उधर चीफ जस्टिस ने बार एसोसिएशन और जज के बीच उठे विवाद को लेकर हाईकोर्ट के सीनियर जजों की एक कमेटी गठित की है जिसे मामले को शांत कराने का जिम्मा सौंपा गया है। रविवार को चीफ जस्टिस की मुलाकात बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों और वकीलों के एक प्रतिनिधि मंडल से हुई थी।

पदाधिकारियों और जजों की स्टीयरिंग कमेटी जिसमें जस्टिस तरूण अग्रवाल, जस्टिस दिलीप गुप्ता, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस विक्रमनाथ, जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस अभिनव उपाध्याय भी शामिल थे के साथ लंबी बातचीत हुई।

जजों के साथ हुई वार्ता के क्रम में आज हड़ताली वकीलों ने जनरल हाउस बुलाकर सारी बातों को वकीलों के सामने बताया। बार के अध्यक्ष और महासचिव और अन्य उपस्थित वकीलों के खिलाफ जज की सात जजों की पीठ के समक्ष पत्र भेजकर कार्रवाई को लेकर वकीलों में आक्रोश था। वकीलों का कहना था कि उन्हें अपनी बात रखने का हक है, और ऐसे में उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई किया जाना सही नहीं है।

उधर जस्टिस अग्रवाल ने चीफ जस्टिस को पत्र भेजकर कहा है कि 20 और 21 जुलाई को चीफ जस्टिस के निर्देश पर फ्रेस केसों की फाइलें उनकी कोर्ट में आई। उनका कहना है कि जब चीफ जस्टिस कोई फाइल किसी जज को सुनवाई के लिए भेजता है तो जज का यह संवैधानिक कर्तव्य है कि वह उन केसों की सुनवाई करे और आदेश पारित करे। |

फ्रेस केसों की सुनवाई न करने का धमकी भरा प्रयत्न बार के अध्यक्ष और महासचिव ने की। जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने कहा है कि चूंकि चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली सात जजों की पीठ आपराधिक अवमानना से संबंधित केसों की सुनवाई कर रही है। इस कारण वह पत्र लिखकर इस केस को भी सात जजों की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने का चीफ जस्टिस से अनुरोध करते हैं।

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