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शहर की नारकीय स्थित पर सरकार करे मानिटरिंग नहीं तो कोर्ट करेगी कार्यवाही
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कुम्भ की तैयारियों के कारण प्रयागराज शहर की नारकीय स्थिति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या राज्य सरकार कार्यों की मानीटरिंग नहीं कर रही है। जिस तरह से काम हो रहा है, कुम्भ मेले तक पूरा होने की उम्मीद नहीं दिखायी देती। पूरा शहर धूल के गुबार से भरा है।
प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कुम्भ की तैयारियों के कारण प्रयागराज शहर की नारकीय स्थिति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या राज्य सरकार कार्यों की मानीटरिंग नहीं कर रही है। जिस तरह से काम हो रहा है, कुम्भ मेले तक पूरा होने की उम्मीद नहीं दिखायी देती। पूरा शहर धूल के गुबार से भरा है।
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कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी से कहा कि सरकार कार्यों की मानीटरिंग करे अन्यथा कोर्ट को स्वयं कार्यवाही करनी पड़ेगी। कोर्ट ने शहर में हो रहे विकास कार्यों की एक हफ्ते में प्रगति रिपोर्ट मांगी है। मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र की बमरौली एयरपोर्ट टर्मिनल बनाने को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह बात कही।
कोर्ट ने राज्य सरकार को एयरपोर्ट टर्मिनल तक फोरलेन रोड बनाने में तेजी लाने तथा बकाया जमीन यथाशीघ्र एयरपोर्ट अथारिटी को सौंपने की कार्यवाही पूरी करने का आदेश दिया। कोर्ट ने वायुसेना का टर्मिनल की बाउण्ड्रीवाल यथाशीघ्र पूरी करने का आदेश दिया। सेना की तरफ से अधिवक्ता एस.के राय ने बताया कि ऊबड़खाबड़ जमीन के समतलीकरण व स्थान पर अंधेरा होने से काम में अवरोध के बावजूद सेना दिन रात काम कर रही है। सेना के अधिकारी ने जनवरी के अंत तक काम पूरा करने का आश्वासन दिया।
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कोर्ट ने अथारिटी को कार्यस्थल पर विद्युत की व्यवस्था करने का निर्देश दिया और कहा कि सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना उठायेगी। अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता शशांक शेखर सिंह ने बताया कि उपलब्ध जमीन सेना को दे दी गयी है। 12 एकड़ बची जमीन सैनिकों को छुट्टी मिलने में देरी के कारण बैनामा नहीं हो पा रहा है। ढाई एकड़ जमीन का शीघ्र ही बैनामा होगा। सारी जमीन शीघ्र ही एयरपोर्ट अथारिटी को सौंप दी जायेगी। कोर्ट ने राज्य सरकार व भारत सरकार के अधिवक्ता से कार्य की प्रगति रिपोर्ट एक हफ्ते बाद सात दिसम्बर को पेश करने का निर्देश दिया है।