TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

तीन तलाक पर हाईकोर्ट की टिप्पणी पर्सनल लॉ बोर्ड संविधान के ऊपर नहीं

Rishi
Published on: 9 May 2017 2:01 PM GMT
तीन तलाक पर हाईकोर्ट की टिप्पणी पर्सनल लॉ बोर्ड संविधान के ऊपर नहीं
X

इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तीन तलाक व फतवे पर अहम फैसला देते हुए कहा है, कि पर्सनल लॉ बोर्ड संविधान के नाम पर मुस्लिम महिलाओं सहित सभी नागरिकों को प्राप्त अनुच्छेद 14, 15 व 21 के मूल अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। जिस समाज में महिलाओं की इज्जत नहीं होती उसे सिविलाइज्ड नहीं कहा जा सकता।

ये भी देखें : कपिल मिश्रा ने कहा- ईवीएम का मुद्दा उठाकर केजरीवाल ने की ध्यान बंटाने की कोशिश

कोर्ट ने कहा है कि लिंग के आधार पर मूल अधिकारों व मानवाधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता। मुस्लिम पति ऐसे तरीके से तलाक नहीं दे सकता, जिससे समानता व जीवन के मूल अधिकार का हनन होता हो। कोर्ट ने कहा कि संविधान के दायरे में ही पर्सनल लॉ लागू हो सकता है। पर्सनल लॉ के नाम पर संविधान की मूलभूत भावनाओं का उल्लंघन नहीं किया जा सकता।

ऐसा कोई फतवा मान्य नहीं है जो न्याय व्यवस्था के विपरीत हो। कोई भी फतवा किसी के अधिकारों के विपरीत नही हो सकता। कोर्ट ने यह भी कहा है, कि यदि अपराध कारित होता हो तो कोर्ट को अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए कार्यवाही रदद् करने का अधिकार नही हैं।

कोर्ट ने तीन तलाक से पीड़ित वाराणसी की सुमालिया द्वारा पति अकील जमील के खिलाफ कायम दहेज उत्पीड़न केस को रद्द करने से इंकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी. केसरवानी ने अकील जमील की याचिका को ख़ारिज करते हुए दिया है। याची का कहना था कि उसने तलाक देकर दारुल इफ्ता जामा मस्जिद आगरा से फतवा भी ले लिया है।

इसलिए तलाक के बाद दर्ज दहेज का मुकदमा निरस्त किया जाय। कोर्ट ने एसीजेएम आगरा के सम्मन आदेश को सही करार दिया और कहा कि प्रथम दृष्टया आपराधिक केस बनता है। कोर्ट ने कहा कि फतवे को क़ानूनी बल प्राप्त नहीं है। इसलिये इसे जबरन मुस्लिम महिलाओं पर थोपा नहीं जा सकता। यदि कोई इसे लागू करता है तो वह अवैध है। कोर्ट ने कहा है कि फतवे का कोई वैधानिक आधार नहीं है।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story