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गुंडों और माफियाओ के हाथ में खेल रही यहां की पुलिस : हाईकोर्ट
इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने खुल्दाबाद से लगभग नौ माह पूर्व अपहृत धूमनगंज इलाके की नाबालिग लड़की का सुराग न लगने और अपहरण की नामजद एफआईआर होने के बावजूद आरोपितों की गिरफ्तारी की बजाय विवेचना एक से दूसरे थाने स्थानांतरित करने को गंभीरता से लेते हुए जिले की पुलिस पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि संगमनगरी में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। यहां की पुलिस गुंडों व माफियाओं के हाथ में खेल रही है। उसे नागरिकों खासकर लड़कियों, बच्चों व बुजुर्गों की सुरक्षा की जरा भी चिंता नहीं है।
यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा एवं न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने कोर्ट ने धूमनगंज से अगवा नाबालिग बालिका को सोमवार को हर हाल में पेश करने का निर्देश देते हुए एसपी सिटी और धूमनगंज व खुल्दाबाद थानों के इंस्पेक्टरों व्यक्तिगत हलफनामों के साथ सुबह 10 बजे तलब किया है। कोर्ट ने पीड़ित मां के वकील शशांक मिश्र को धमकी दिए जाने को भी गंभीरता से लिया है। साथ ही ऐसा न करने की हिदायत देते हुए कहा कि कोई भी पक्षकार एडवोकेट शशांक मिश्र को धमकी देगा तो कोर्ट के प्रति जवाबदेह होगा। खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि मामले से जुड़ा कोई आरोपित यदि जेल में निरुद्ध है तो यहां के आदेश के बगैर उसे रिहा न किया जाए।
कोर्ट ने एसपी सिटी से हलफनामे में जिले के विभिन्न थानों में दर्ज मुकदमों और उनमें से चार्जशीट दाखिल होने वाले केसों की संख्या बताने को कहा है। इस मामले की विवेचना एक से दूसरे थाने स्थानांतरित होने के बारे में यह बताने को कहा है कि किसके आदेश पर विवेचना बार-बार एक से दूसरे थाने ट्रांसफर की जा रही है। साथ ही इस मामले के आरोपितों का आपराधिक इतिहासउनके खिलाफ मुकदमों की संख्या व उनकी स्थिति का हवाला भी देने को कहा है।
यह भी बताने को कहा कि जिले कितने भगोड़ा घोषित अपराधी ऐसे हैं, जिनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
कोर्ट ने एसपी सिटी से जिले और खुल्दाबाद व धूमनगंज इंस्पेक्टर से उनके थानों में दर्ज मुकदमों और उनकी विवेचना का हाल बताने को कहा है। दोनों थानेदोरों से यह भी बताने को कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कितने मामलों का निस्तारण किया है। साथ ही उनके थानों में गैर जमानती वारंट के तामीला के कितने मामले लंबित हैं। अपहरण के इस मामले में कितने आरोपितों की गिरफ्तारी हुई और गंभीर आरोप होने के बावजूद नहीं हुई तो क्यों, दोनों इंस्पेक्टरों को यह भी स्पष्ट करना है।