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स्वच्छता के मामले में एलडीए को विस्तृत योजना प्रस्तुत करने का आदेश
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राजधानी को साफ-सुथरा रखने के मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण व आवास विकास प्राधिकरण को विस्तृत योजना प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
विधि संवाददाता
लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राजधानी को साफ-सुथरा रखने के मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण व आवास विकास प्राधिकरण को विस्तृत योजना प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
इससे पहले कोर्ट के पिछले आदेश के अनुपालन में नगर निगम ने शहर केा साफ सुथरा व नगरीय सुविधाओं से सम्पन्न बनाये जाने हेतु विस्तृत कार्ययोजना पेश की जिसे कोर्ट ने रिकार्ड पर लेते हुए नगर निगम को जोन वाइज कर्मचारियों की सूची सौंपने के निर्देश दिये हैं।
ताकि निचले स्तर पर भी प्रभावी ढंग से कार्रवाई करवाई जा सके। मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी। यह आदेश जस्टिस मुनीश्वर नाथ भंडारी और जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच ने नगर निगम की ओर से नगर आयुक्त द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
याचिका मेें नगर आयुक्त ने उपभोक्ता फोरम के एक आदेश केा चुनौती दी थी । याचिका पर सुनवायी के दौरान कोर्ट ने शहर में नगरीय सुविधाओं की बुरी स्थिति पर स्वतः संज्ञान लेते हुए नगर निगम से कार्ययेाजना तलब की थी । साथ ही एलडीए व आवास विकास को नेाटिस जारी की थी।
गुरूवार को सुनवायी के दौरान नगर आयुक्त की ओर से साफ-सफाई के सम्बंध में कार्य योजना प्रस्तुत की गई जिस पर कोर्ट अगली सुनवाई पर जोनवार कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय किये जाने सम्बंधी सूची पेश करने के आदेश दिये। कोर्ट ने एलडीए व आवास विकास प्राधिकरण को भी अपनी ओर से कार्य योजना प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
विदित हो कि याचिका में उपभोक्ता फोरम, लखनऊ के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें शहर में गंदगी की शिकायत पर, नगर आयुक्त का एक वर्ष का वेतन शिकायतकर्ता को देने का आदेश दिया गया था।
पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने फोरम के आदेश पर रोक लगा दी थी। साथ ही शहर की साफ-सफाई के मुद्दे पर नगर आयुक्त को एक विस्तृत कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
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