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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने पीजीआई के गेट से अतिक्रमण हटाने का दिया आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एसजीपीजीआई के मेन गेट पर अतिक्रमण के कारण एम्बुलेंसों और वाहनों के आवागमन में आ रही दिक्कतों को देखते हुए मेन गेट से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है।

Aditya Mishra
Published on: 8 Feb 2019 3:34 PM GMT
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने पीजीआई के गेट से अतिक्रमण हटाने का दिया आदेश
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विधि संवाददाता

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एसजीपीजीआई के मेन गेट पर अतिक्रमण के कारण एम्बुलेंसों और वाहनों के आवागमन में आ रही दिक्कतों को देखते हुए मेन गेट से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने जिलाधिकारी लखनऊ को यह भी आदेशित किया है कि वह सभी सम्बंधित विभागों की टीम गठित कर, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का निरीक्षण कराएं।

यह आदेश जस्टिस रितुराज अवस्थी और जस्टिस आर एस चैहान की बेंच ने प्रेम शंकर पांडेय की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया। याची का कहना था कि एसजीपीजीआई के मुख्य द्वार पर बड़ी मात्रा में अतिक्रमण हो चुका है, इस कारण से एसजीपीजीआई के भीतर व बाहर जाने वाली गाड़ियों व एम्बुलेंसों को समस्या होती है, साथ ही उधर से गुजरने वाले वाहनों को भी जाम का सामना करना पड़ता है।

याचिका पर जवाब देते हुए, एनएचएआई की ओर से अतिक्रमण की समस्या को स्वीकार करते हुए, कहा गया कि सड़क के चैड़ीकरण के लिए अधिग्रहण वर्ष 2012 में ही किया गया था लेकिन अतिक्रमण के कारण यहां पर समस्या होती है। इस पर कोर्ट ने लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम व जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने व इलाके में यातायात की समस्या न होना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

कोर्ट ने कहा कि इस बात का खास तौर पर ख्याल रखा जाए कि पीजीआई के भीतर व बाहर जाने वाले एम्बुलेंसों और वाहनों के आवागमन में कोई बाधा न उत्पन्न हो। नगर निगम के अधिवक्ता अमित कुमार द्विवेदी ने बताया कि कोर्ट ने जिलाधिकारी को सम्बंधित विभागों की एक टीम बनाने के भी निर्देश दिये। कोर्ट ने की गई कार्रवाई का ब्यौरा अगली सुनवाई पर हलफनामा के माध्यम से उपलब्ध कराने के भी आदेश दिये हैं। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।

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Aditya Mishra

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