×

हद है भाई ! हाईकोर्ट निपटाना चाहता है मामले, तो पलीता लगा रहे अपने

Rishi
Published on: 27 May 2017 5:52 PM IST
हद है भाई ! हाईकोर्ट निपटाना चाहता है मामले, तो पलीता लगा रहे अपने
X

इलाहाबाद : न्यायाधीशों की कमी के बावजूद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुकदमो का बोझ हल्का करने की मुहिम छेड़ दी है। मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले ने गर्मी की छुट्टी जून में भी आपराधिक मामलो के साथ सिविल मामलो के निस्तारण की संख्या में बढोत्तरी की योजना पर अमल का खाका तैयार कर लिया है। हांलाकि जोर जेलों में बंद कैदियों की अपीलों को अधिक से अधिक निर्णीत करने का लक्ष्य है।

ये भी देखें :अगले जनम मोहे बिटिया ना कीजो! कलयुगी बाप ने ही उजाड़ दिया बेटी का सुहाग

वर्षो से सुनवाई का इंतजार कर रही अर्थहीन हो चुकी याचिकाओं की भी छंटनी की जा रही है। ताकि सैकड़ो की संख्या में एकसाथ सुचिवद्ध कर निपटाया जा सके। अर्थहीन याचिकाओं को छांटने के लिए जिला अदालतों से न्यायिक अधिकारियो को लगाया गया है। एडीजे रैंक के अधिकारी मुख्य न्यायाधीश की इस मुहीम को पलीता लगाने में जुट गए है।

न्यायमूर्ति भारती सप्रू की अदालत में अर्थहीन घोषित याचिकाएं सुनवाई हेतु प्रत्येक शुक्रवार को लगती हैं। चकबन्दी विवादों को लेकर दाखिल याचिकाओं को अर्थहीन घोषित करने पर सवाल खड़े हो रहे है। एडीजे रैंक के अधिकारियो ने इन्हें अर्थहीन घोषित किया है। मुकदमे पुकार के बाद सुनवाई के समय पता चल रहा है कि वे अर्थहीन ही नही है। कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि मेरिट पर सुनी जाने वाली याचिकाओं को अर्थहीन मान कर क्यों पेश क्या जा रहा है।

न्यायिक अधिकारियो को अर्थहीन याचिका छांटने के लिए विशेष भत्ता भी दिया जाता है। लगता है इन्हें बाबुओं के भरोसे काम करने की आदत पड़ गयी है। अर्थहीन मुकदमो को छांटने उद्देश्यहीन कार्यवाही पर मुख्यन्यायाधीश को पुनर्विचार करने पड़ेगा। साथ ही यह भी देखना होगा हाई कोर्ट में 35 से अधिक ओएसडी ऑफिशियल काम के लिए तैनात है और जिला अदालतों में जजो की कमी के चलते मुकदमे नही सुने जा रहे। एक दशक पहले जो काम ओएसडी कर रहे है, वही काम बाबू किया करते थे।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story