×

HC ने राज्य सरकार से OBC की 17 जातियों को SC का दर्जा देने पर मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार (03 अप्रैल) को पिछड़े वर्ग की 17 जातियों को अनुसूचित जाति की सुविधाएं देने की राज्य सरकार की अधिसूचना की वैधता के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार से 8 हफ्ते में जवाब मांगा है।

tiwarishalini
Published on: 4 April 2017 9:01 AM IST
HC ने राज्य सरकार से OBC की 17 जातियों को SC का दर्जा देने पर मांगा जवाब
X
हाईकोर्ट में उठा मुद्दा, क्या यूपी सरकार पानी पर टैक्स लगा सकती है?

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार (03 अप्रैल) को पिछड़े वर्ग (ओबीसी) की 17 जातियों को अनुसूचित जाति (एससी) की सुविधाएं देने की राज्य सरकार की अधिसूचना की वैधता के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार से 8 हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अधिसूचना के तहत यदि जाति प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं तो वे सभी प्रमाणपत्र याचिका की निर्णय के अधीन होंगे।

कोर्ट ने अन्तर्हस्तक्षेपी अर्जी दाखिल करने वालों को भी अगली सुनवाई की तारीख तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने की छूट दी है। साथ ही याची से कहा है कि वह जिन लोगों को अधिसूचना के तहत जाति प्रमाण पत्र जारी हुआ है उन्हें भी याचिका में पक्षकार बनाएं।

यह आदेश चीफ जस्टिस डी.बी.भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ग्रंथालय एवं जन कल्याण की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर वकील का कहना है कि जातियों को अनुसूचित जाति घोषित करने का अधिकार केंद्र सरकार को है।

राज्य सरकार ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर अधिसूचना जारी की है। 21, 22 और 31 दिसंबर 2016 की अधिसूचना को अवैध मानते हुए निरस्त किए जाने की मांग की गई है। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा नहीं दिया गया है।

केवल एससी जाति की सुविधाएं देने की अधिसूचना जारी की है। इनमें से अधिकांश जातियां एससी जाति की उपजातियां है। कोर्ट ने अधिसूचना के अमल पर पूर्व में रोक लगाई थी, परन्तु लगी इस रोक को आगे नहीं बढ़ाया है। कोर्ट ने कहा है कि जिन्हें भी जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है उन्हें पक्षकार बनाया जाए और यह प्रमाणपत्र याचिका के अन्तिम निर्णय पर निर्भर करेगा।

अगली स्लाइड में पढ़ें जिला बार चुनाव को लेकर याचिका निस्तारित, कोर्ट ने कहा- एल्डर कमेटी के समक्ष रखें शिकायत

HC ने चुनाव आयेाग से मांगी NOTA के प्रचार प्रसार पर किए जा रह प्रयासों की जानकारी

जिला बार चुनाव को लेकर याचिका निस्तारित, कोर्ट ने कहा- एल्डर कमेटी के समक्ष रखें शिकायत

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद जिला बार एसोसिएशन के चुनाव में बाईलाॅज का कड़ाई से पालन सहित 5 साल के आय व्यय ब्यौरे और ऑडिट रिपोर्ट पेश करने तथा एक बार एक वोट के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू कराने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका यह कहते हुए निस्तारित कर दी है कि ये मुद्दे याची एल्डर कमेटी के समक्ष रखे। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि याचिका में लगाए गए आरोपों को उसने निर्णीत नहीं किया है।

यह आदेश चीफ जस्टिस डी.बी.भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने जिला न्यायालय के वकील और आजीवन सदस्य पं. रामचंद्र शर्मा की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि बार एसोसिएशन के खाते की ऑडिट नहीं कराई जा रही है। घपला किया जा रहा है, साथ ही बाईलाॅज के खिलाफ चुनाव कराया जा रहा है। 21 अप्रैल 2017 को चुनाव तिथि घोषित हैं। बाईलाॅज का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के एक बार एक वोट के सिद्धान्त की अवहेलना की जा रही है। ऑडिटर ने भी अपने बार को लिखे पत्र में कई खर्चाें के बिल बाउचर मांगे है। जिसकी अनदेखी की जा रही है। कोर्ट ने याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया और कहा कि याची अपनी शिकायतें बार एसोसिएशन की एल्डर कमेटी के समक्ष पेश करें।

अगली स्लाइड में पढ़ें हाथरस में हुए हत्या केस में पूर्व विधायक सहित 12 गिरफ्तार, सुनवाई 6 को

HC का निर्देश: सुन्नी वक्फ बोर्ड के कामकाज में सरकार न दे दखल, जानें क्या था मामला?

हाथरस में हुए हत्या केस में पूर्व विधायक सहित 12 गिरफ्तार, सुनवाई 6 को

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस में चिराग उपाध्याय पर हमले में एक की मौत मामले में आरोपी पूर्व विधायक देवेंद्र अग्रवाल सहित 12 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद शेष चार की गिरफ्तारी की जानकारी मांगी है। याचिका की अगली सुनवाई 6 अप्रैल को होगी।

यह आदेश चीफ जस्टिस डी.बी. भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने मृतक के पिता रामहरि शर्मा की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि चिराग उपाध्याय के काफिले पर कातिलाना हमला हुआ। जिसमें याची के बेटे की गोली लगने से मौत हो गई।

याचिका में पुलिस पर नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी न कर उन्हें बचाने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने पुलिस विवेचना के तरीके पर आपत्ति की और कहा कि हत्या के आरोपियों के खिलाफ पुलिस कानूनी कार्यवाई क्यों नहीं कर रही है।

इसके बाद पुलिस के दबाव में पांच लोगोें को गिरफ्तार किया गया है। शेष की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। यह जानकारी राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को दी।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story