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HC का निर्देश- NEET काउंसिलिंग में पक्षपात की जांच कर रिपोर्ट दें मुख्य सचिव

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नेशनल एलिजिबिलिटी एंड एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में सफल प्रदेश के बाहरी अभ्यर्थियों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के परास्नातक कोर्स में प्रवेश लेने से बैन करने और बीएचयू व अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को उनकी सीटों के विरुद्ध काउंसिलिंग की छूट देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

tiwarishalini
Published on: 16 May 2017 2:35 AM IST
HC का निर्देश- NEET काउंसिलिंग में पक्षपात की जांच कर रिपोर्ट दें मुख्य सचिव
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HC का निर्देश- NEET काउंसिलिंग में पक्षपात की जांच कर रिपोर्ट दें मुख्य सचिव

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नेशनल एलिजिबिलिटी एंड एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में सफल प्रदेश के बाहरी अभ्यर्थियों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के परास्नातक कोर्स में प्रवेश लेने से बैन करने और बीएचयू व अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को उनकी सीटों के विरुद्ध काउंसिलिंग की छूट देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को इस मामले की जांच कर 23 मई को रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया है। याची का कहना है कि भारतीय चिकित्सा परिषद की गाइडलाइन की अनदेखी की जा रही है। महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण के परिपत्र और शासनादेशों से प्रदेश के बाहर अन्य प्रदेश से स्नातक शिक्षा लेने वाले स्टूडेंट्स को केवल प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में ही प्रवेश की अनुमति दी गई है। याची का कहना है कि यह याची के अधिकारों का हनन है।

यह आदेश जस्टिस अरूण टंडन और जस्टिस रेखा दीक्षित की खंडपीठ ने डॉ.राम दिवाकर और अन्य की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। याची का कहना है कि बीएचयू और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को काउंसिलिंग के जरिए अपनी परास्नातक सीटें भरने की छूट दी गई है। जो गलत है। नीट परीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कर मेडिकल शिक्षा में प्रवेश की नीति का उल्लंघन किया गया है। कोर्ट ने इस आशय का परिपत्र जारी करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करने को भी कहा है। मुख्य सचिव स्वयं इस मामले को देखें और अपनी रिपोर्ट पेश करें।

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HC ने गाजियाबाद की करोड़ों रुपए की ग्रामसभा की जमीन कब्जा को लेकर असिस्टेंट कलेक्टर से मांगी रिपोर्ट

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के ग्राम सहबिस्वा, जलालाबाद, परगना-दादरी की ग्राम सभा की 0.940 हेक्टेयर जमीन वहां के भू माफियाओं द्वारा कब्जा कर लेने को गंभीरता से लिया है।

कोर्ट ने कहा है कि सरकारी जमीन पर बिना रेवेन्यू अधिकारियों की मिलीभगत से कब्जा संभव नहीं है। कामिल और अन्य की याचिका पर आदेश पारित करते हुए जस्टिस आर.एस.आर. मौर्य ने वहां के असिस्टेंट कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वह स्वयं मौके पर जाकर भूमि की दो सप्ताह मे पैमाइश कराए और कोर्ट को रिपोर्ट करे।

यही नहीं कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा है कि यदि अबकी बार नियमानुसार जांच कर सही रिपोर्ट नहीं दी जाती है तो कोर्ट उस अधिकारी पर जवाबदेही तय करेगी। कोर्ट ने यह आदेश तब दिया जब याची की तरफ से कहा गया कि दो बार जांचकर लेखपाल और इंस्पेक्टर ने गलत रिपोर्ट दी है।

उसने ग्रामसभा की जमीन कब्जा न हीं किया है। कैबिएटर आनंदवर्धन चतुर्वेदी के अधिवक्ता रामानंद पान्डेय ने कहा कि याची ने गांवसभा की जमीन कब्जा कर रखा है। वह बार बार रिपोर्ट को गलत बताकर उस जमीन से कब्जा छोड़ना नहीं चाहता। कहा गया कि स्थानीय स्तर पर इसमे प्रापर्टी डीलर्स का भी हाथ है।

असिस्टेंट कलेक्टर व कलेक्टर ने आदेश पारित कर याची की बेदखली का आदेश पारित कर रखा है लेकिन वह रिपोर्ट को गलत बता एक अथवा दूसरे बहाने करोड़ों की ग्राम सभा की जमीन कब्जा कर लेने की फिराक में है। इस पर हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए गाजियाबाद के असिस्टेन्ट कलेक्टर को खुद मौके पर जांच का जिम्मा देते हुए दो सप्ताह मे रिपोर्ट माँगी ताकि कोर्ट यही इस मामले का निपटारा कर दे। कोर्ट ने इस केस को बतौर फ्रेस केस 30 मई को सुनने का आदेश दिया है।

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विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद की जमानत रद्द करने की अर्जी पर सुनवाई 16 को

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद शहर पश्चिमी के विधायक राजू पाल सहित तीन लोगों की दिनदहाड़े हुई हत्या मामले में आरोपी बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को मिली जमानत को निरस्त करने की अर्जी की सुनवाई जारी है।

कोर्ट ने 2005 में मिली जमानत के आधार पर रिहायी न करने का आदेश दिया है। यह आदेश जस्टिस विपिन सिन्हा ने पूर्व बसपा विधायक राजूपाल की विधवा पूजापाल की अर्जी पर दिया है। याची अधिवक्ता का कहना है कि गवाहों को धमकाया जा रहा है।

हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल 05 को पूर्व सांसद को जमानत मंजूर की थी। इसके खिलाफ पूजापाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस रिपोर्ट पर चल रहे ट्रायल पर रोक लगाते हुए घटना की जांच सीबीआई को सौंप दी है। 22 जनवरी 06 के आदेश से तिहरे हत्याकांड की जांच सीबीआई कर रही है। अतीक अहमद के खिलाफ 149 आपराधिक केस दर्ज हैं।

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कंप्यूटर आॅपरेटरों भर्ती में वेटिंग लिस्ट पर जानकारी तलब

इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग में कंप्यूटर आॅपरेटरों ग्रेड ए की भर्ती में चयन परिणाम घोषित होने के बाद प्रतीक्षा सूची जारी करने पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि विभाग के पास इस संबंध में क्या नियम हैं। प्रतीक्षा सूची जारी किये जाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। ऋषभ सिंह चौहान और अन्य की याचिका पर जस्टिस पी.के.एस.बघेल सुनवाई कर रहे हैं।

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