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चीनी मिल: मालिकों-अधिकारियों पर कार्यवाही रिपोर्ट के साथ मुख्य सचिव से हलफनामा तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेसर्स त्रिवेणी इंजीनियरिंग एण्ड सुगर इण्डस्ट्रीज सहारनपुर के मालिकों व अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी कोर्ट आदेश के सहारे बिना अनुमति लेबी चीनी खुले बाजार में बेचने के मामले में कड़ा रूख अपनाया है। मिल मालिकों ने करोड़ों रूपये की लेबी चीनी बाजार में बेच डाली जिसकी सीबीसीआईडी से जांच चल रही है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेसर्स त्रिवेणी इंजीनियरिंग एण्ड सुगर इण्डस्ट्रीज सहारनपुर के मालिकों व अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी कोर्ट आदेश के सहारे बिना अनुमति लेबी चीनी खुले बाजार में बेचने के मामले में कड़ा रूख अपनाया है। मिल मालिकों ने करोड़ों रूपये की लेबी चीनी बाजार में बेच डाली जिसकी सीबीसीआईडी से जांच चल रही है। कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव से कार्यवाही ब्यौरे के साथ व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है और कहा है कि यदि 27 फरवरी तक हलफनामा दाखिल नहीं हुआ तो कोर्ट समझेगी कि सरकार दोषी लोगों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं करना चाहती है।
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यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खण्डपीठ ने रामपाल सिंह किसान की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता बी.एन.सिंह ने बहस की। याची का कहना है कि कोर्ट ने मिल को लेबी चीनी बेचने की छूट नहीं दी थी किन्तु एक फर्जी हाईकोर्ट के आदेश के सहारे 50लाख बोरे लेबी चीनी बिना सरकारी अनुमति लिए खुले बाजार में बेच दी गयी। सीबीसीआईडी की अंतरिम रिपोर्ट कोर्ट ने स्वीकार कर ली है किन्तु आरोपियों के खिलाफ अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है।
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2004 से चल रही जांच के बावजूद घोटाले के आरोपी पकड़ से बाहर है। कोर्ट ने कहा कि इससे पहले मुख्य सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा गया था इसके खिलाफ एसएलपी भी खारिज हो गयी। कोर्ट ने अगस्त 17 तक हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था फिर भी दाखिल नहीं हुआ। कोर्ट ने मुख्य सचिव को हलफनामा दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है। याचिका की सुनवाई 27 फरवरी को होगी।