गजब है भाई! जेल में सजा काट लेने के बाद हाईकोर्ट से मिला न्याय

Rishi
Published on: 9 Jun 2017 1:49 PM GMT
गजब है भाई! जेल में सजा काट लेने के बाद हाईकोर्ट से मिला न्याय
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इलाहाबाद: लूट और मारपीट के आरोपी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से लम्बे समय के बाद न्याय मिला। आरोपी को न्याय तब मिला जब उसने सत्र न्यायालय द्वारा दी गयी दस साल की सजा पूरी कर ली।

हाईकोर्ट ने लूट के आरोप से तो बरी कर दिया किन्तु मारपीट के आरोप में एक साल की सजा सुनायी है। चूंकि आरोपी ने पहले ही दस साल की सजा काट ली है, इसलिए कोर्ट ने उसे तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया।

यह आदेश न्यायमूर्ति बी. अमित स्थालेकर ने मथुरा के उम्मेद सिंह की जेल अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने कैदी की तरफ से अधिवक्ता सौम्या चतुर्वेदी को न्यायमित्र नियुक्त कर अपील की सुनवाई की। मालूम हो कि 1999 में बलदेव मथुरा में मारपीट व लूट के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की।

सत्र न्यायालय ने उम्मेद को लूट व मारपीट करने का दोषी करार दिया और 2007 में दस साल की सजा सुनायी। जिसके खिलाफ उसने जेल से अपील दाखिल की थी। पैरवी न हो पाने के कारण उसे जमानत नहीं मिली और उसने दस साल की सजा भी काट ली। मुख्य न्यायाधीश की जेलों में बंद कैदियों की अपीलों की शीघ्र सुनवाई की योजना के तहत न्यायमित्र नियुक्त किया गया और अपील पर बहस हुई। लम्बी बहस के बाद कोर्ट ने आरोपी को केवल एक साल की ही सजा का दोषी पाया और उसे जेल से तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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