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गजब है भाई! जेल में सजा काट लेने के बाद हाईकोर्ट से मिला न्याय
इलाहाबाद: लूट और मारपीट के आरोपी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से लम्बे समय के बाद न्याय मिला। आरोपी को न्याय तब मिला जब उसने सत्र न्यायालय द्वारा दी गयी दस साल की सजा पूरी कर ली।
हाईकोर्ट ने लूट के आरोप से तो बरी कर दिया किन्तु मारपीट के आरोप में एक साल की सजा सुनायी है। चूंकि आरोपी ने पहले ही दस साल की सजा काट ली है, इसलिए कोर्ट ने उसे तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया।
यह आदेश न्यायमूर्ति बी. अमित स्थालेकर ने मथुरा के उम्मेद सिंह की जेल अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने कैदी की तरफ से अधिवक्ता सौम्या चतुर्वेदी को न्यायमित्र नियुक्त कर अपील की सुनवाई की। मालूम हो कि 1999 में बलदेव मथुरा में मारपीट व लूट के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की।
सत्र न्यायालय ने उम्मेद को लूट व मारपीट करने का दोषी करार दिया और 2007 में दस साल की सजा सुनायी। जिसके खिलाफ उसने जेल से अपील दाखिल की थी। पैरवी न हो पाने के कारण उसे जमानत नहीं मिली और उसने दस साल की सजा भी काट ली। मुख्य न्यायाधीश की जेलों में बंद कैदियों की अपीलों की शीघ्र सुनवाई की योजना के तहत न्यायमित्र नियुक्त किया गया और अपील पर बहस हुई। लम्बी बहस के बाद कोर्ट ने आरोपी को केवल एक साल की ही सजा का दोषी पाया और उसे जेल से तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।