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ग्राम विकास अधिकारी भर्ती: खाली पदों का 15 अक्टूबर तक कोर्ट ने मांगा ब्यौरा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उ.प्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग लखनऊ से पूछा है कि ग्राम विकास अधिकारी भर्ती - 2016 में कितने पद नहीं भरे जा सके है। याचियों का दावा है कि प्रतीक्षा सूची न होने और चयनित सैकड़ो लोगो के कार्यभार न संभालने के कारण पद खाली रह गये है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उ.प्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग लखनऊ से पूछा है कि ग्राम विकास अधिकारी भर्ती - 2016 में कितने पद नहीं भरे जा सके है।
याचियों का दावा है कि प्रतीक्षा सूची न होने और चयनित सैकड़ो लोगो के कार्यभार न संभालने के कारण पद खाली रह गये है। मेरिट में कट आफ मार्क से नीचे के अभ्यर्थियों का इन पदों पर चयन किया जाय। कोर्ट ने आयोग के अधिवक्ता के.एस. कुशवाहा से 15 अक्टूबर तक जानकारी मुहैया कराने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने चित्रकूट के महेंद्र प्रताप सिंह व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता का कहना है कि उ.प्र. ग्राम सेवक सेवा नियमावली के तहत भर्ती परीक्षा में प्रतीक्षा सूची के बजाय 25 फीसदी का अधिक चयन किये जाने की व्यवस्था दी गयी है।
आयोग ने 2016 में 3133 ग्राम विकास अधिकारियो की भर्ती निकाली। किन्तु 25 फीसदी अधिक के विपरीत घोषित रिक्तियों से भी कम 2947 अभ्यर्थियों के चयन की घोषणा की गयी।
116 के परिणाम खामियों के चलते रोक लिए गए। जिसमे से 87 ने अपने दस्तावेज पेश किये। जिन्हें विभाग को भेज दिया गया। आरटीआई में प्राप्त सूचना में बताया गया कि 198 पद भरे नही जा सके है। अब भी खाली है। याचियों ने इन खाली पदों को भरने की मांग की है।
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