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UP News: HC ने कोमा में पड़े पति की पत्नी को बनाया संरक्षक, संपत्ति बेचने का दिया अधिकार, जानें क्या है पूरा मामला?
UP News: हाईकोर्ट ने इस मामले में किसी कानून के न होने से उतन्न स्थिति को देखते हुए तमाम कानूनों और कोर्ट कार्यवाही के फैसलों पर गंभीरतपूर्वक विचार कर यह फैसला सुनाया।
UP News: कोमा में पड़े पति के इलाज के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने दुर्घटना में घायल और अस्पताल में कोमा में पड़े पति के लिए पत्नी को पति का संरक्षक नियुक्त किया है। यही नहीं इलाज के लिए पति की तरफ से पत्नी को संपत्ति बेचने का अधिकारी भी दे दिया है। हाईकोर्ट ने ये फैसला शुक्रवार को सुनाया।
अभी तक नहीं बना है कोई कानून
हाईकोर्ट ने इस मामले में किसी कानून के न होने से उतन्न स्थिति को देखते हुए तमाम कानूनों और कोर्ट कार्यवाही के फैसलों पर गंभीरतपूर्वक विचार कर यह फैसला सुनाया। यह आदेश जस्टिस एमसी त्रिपाठी तथा जस्टिस प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने पूजा शर्मा की याचिका स्वीकार करते हुए दिया है। हाई कोर्ट ने गाइडलाइंस तय करते हुए कहा है कि दादरी तहसील के गांव इलाभान स्थित याची के पति की खरीदी जमीन को अधिकतम कीमत पर बेचा जाए। धनराशि महानिबंधक के जरिये अधिकतम ब्याज पर बैंक में फिक्स डिपाजिट की जाए।
साथ ही हाईकोर्ट ने कहा, पत्नी के द्वारका सेक्टर सात नई दिल्ली स्थित बैंक खाते में हर महीने 50 हजार रूपए जमा करने की व्यवस्था करें, जिसका उपयोगा पति के इलाज व बच्चे की देखभाल के लिए किया जाए। रिश्तेदार या मित्र को लगता है कि संपत्ति मरीज के हित में खर्च नहीं की जा रही है तो वह हाईकोर्ट में पत्नी के संरक्षण बनाने के आदेश को खत्म करने की मांग में अर्जी दे सकता है। याचिका पर अधिवक्ता अनुपम कुलश्रेष्ठ, अपर सालिसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह व पीएन राय, राज्य सरकार के अफर मुख्य स्थायी अधिवक्ता अंबरीश शुक्ल ने पक्ष रखा।
मरीज को 24 घंटे चिकित्सा निगरानी की जरूरत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डाक्टरों की रिपोर्ट में कहा गया कि मरीज को 24 घंटे चिकित्सा निगरानी की जरूरत है। एम्स की रिपोर्ट व कोर्ट के तमाम फैसलों पर विचार करते हुए खंडपीठ ने कोमा में पड़े पति के इलाज के लिए पत्नी को पति का संरक्षक नियुक्त कर दिया है और गाइडलाइंस भी तय कर दी है।