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इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हंगामा, हाॅस्टल खाली करने के आदेश के विरोध में सड़क पर उतरे स्टूडेंट्स

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हाॅस्टलों में कई स्टूडेंट्स को रूम नहीं मिलने से एक पीईएल पर सुनवाई करते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट ने हाॅस्टलों में अवैध स्टूडेंट्स के खिलाफ कार्यवाही का आदेश दिया है।

tiwarishalini
Published on: 13 April 2017 5:04 PM IST
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हंगामा, हाॅस्टल खाली करने के आदेश के विरोध में सड़क पर उतरे स्टूडेंट्स
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इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हंगामा, हाॅस्टल खाली करने के आदेश के विरोध में सड़क पर उतरे स्टूडेंट्स

इलाहाबाद: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हाॅस्टलों में कई स्टूडेंट्स को रूम नहीं मिलने से एक पीईएल पर सुनवाई करते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट ने हाॅस्टलों में अवैध स्टूडेंट्स के खिलाफ कार्यवाही का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यूनिवर्सिटी के सभी हाॅस्टलों को खाली कराने का फैसला किया। जिसके खिलाफ स्टूडेंट्स ने गुरूवार (13 अप्रैल) को सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में हाॅस्टलों में रहने वाले स्टूडेंट्स ने वीसी ऑफिस का घेराव कर अपनी मांगे रखी और आंदोलन की चेतावनी दी। इस बीच हंगामे और उपद्रव के चलते भारी संख्या में फोर्स की तैनाती भी की गई। यही नहीं स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ाए जाने से भी नाराज हैं।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के करीब 12 से ज्यादा हाॅस्टलों में रहने वाले 14 हजार स्टूडेंट्स को 20 मई तक हाॅस्टलों को खाली करने का फरमान जारी हुआ तो स्टूडेंट्स ने वीसी ऑफिस का घेराव किया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स के जमावड़े को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस-पीएसी के साथ आरएएफ को लगाया गया और यूनिवर्सिटी प्रशासन के अधिकारियों ने भी स्टूडेंट्स को समझाने की कोशिश की, लेकिन नाराज स्टूडेंट्स मानने को तैयार नहीं हुए।

स्टूडेंट्स का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन हाईकोर्ट के आदेश की आड़ में सभी स्टूडेंट्स को हाॅस्टलों से बाहर करने की तैयारी कर रहा है। जबकि हाॅस्टलों में रहने वाले स्टूडेंट्स की यूजी-पीजी और रिसर्च के अलावा प्रतियोगी परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। ऐसे में हाॅस्टलों के खाली होने से स्टूडेंट्स का बड़ा नुकसान हो जाएगा। स्टूडेंट्स का ये भी कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन हाॅस्टलों के वाॅश आउट की बजाए हर साल की तरह रेड के जरिए अवैध स्टूडेंट्स को हाॅस्टलों से बेदखल करे, जिसमें वो यूनिवर्सिटी प्रशासन के साथ हैं।

यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर राम सेवक दुबे का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद उसके पास ज्यादा विकल्प नहीं है। एग्जाम के लिहाज से स्टूडेंट्स को 20 मई तक की छूट दे दी गई है और इस मुद्दे पर यूनिवर्सिटी प्रशासन 17 अप्रैल को अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट में अपनी बात रख सकते हैं। हाॅस्टलों की मरम्मत, वाइट वाॅश करने के लिए सभी हाॅस्टलों को पूरी तरह खाली करवाना जरुरी है।

अब ये फिलहाल यूनिवर्सिटी प्रशासन के रुख पर निर्भर है कि वो अगली सुनवाई तक हाईकोर्ट में क्या तर्क रखता है। जिसके आधार पर स्टूडेंट्स की बेदखली पर हाईकोर्ट कोई निर्देश दे सकता है। दूसरी और स्टूडेंट्स में बढ़ते गुस्से और बवाल की आशंका के बीच क्षेत्र में तनाव है। भारी संख्या में फोर्स मौके पर तैनात कर दी गई है। इस लिहाज से प्रशासन को सोच समझ कर ही कोई कदम उठाना होगा क्योंकि साल 2012 में यूनिवर्सिटी प्रशासन की ऐसी कोशिश के बाद यूनिवर्सिटी के आसपास हिंसा भड़क गई थी और हालात को काबू में करने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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