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Mukhtar Ansari: यूं ही नहीं माफिया मुख्तार गैंग को हाईकोर्ट ने बताया खूंखार, जानें इसके पीछे क्या है वजह

Mukhtar Ansari: उच्च न्यायालय ने माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर रामू मल्लाह की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए इस गैंग को देश का सबसे खूंखार आपराधिक गिरोह बताया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 12 March 2023 10:24 AM IST (Updated on: 12 March 2023 10:45 AM IST)
Mukhtar Ansari
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माफिया मुख्तार अंसारी (फोटो: सोशल मीडिया)

Mukhtar Ansari: माफियाओं और बाहुबलियों के लिए कुख्यात उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों प्रयागराज के चर्चित माफिया डॉन अतीक अहमद को लेकर घमासान मचा हुआ है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अतीक अहमद के आपराधिक रिकॉर्ड और उसे मिले सियासी संरक्षण की खूब चर्चाएं हो रही हैं। इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के एक अन्य कुख्यात माफिया डॉन को लेकर बेहद तल्ख टिप्पणी की है, जिसके काफी चर्चा हो रही है।

दरअसल, उच्च न्यायालय ने माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर रामू मल्लाह की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए इस गैंग को देश का सबसे खूंखार आपराधिक गिरोह बताया है। अदालत ने ये कहते हुए हत्या के एक मामले में सजा काट रहे रामू की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट की इस टिप्पणी के बाद लंबे समय से सलाखों के पीछे रह रहे मुख्तार अंसारी के काले कारनामों की चर्चा फिर से होने लगी है। तो आइए जानते हैं कि कोर्ट की इस तल्ख टिप्पणी की क्या है वजह। क्या वाकई में मुख्तार इतना ज्यादा खतरनाक है ?

प्रतिष्ठित परिवार से आता है मुख्तार अंसारी

पूर्वांचल का माफिया डॉन मुख्तार अंसारी एक बेहद प्रतिष्ठित परिवार से आता है। वो एक ऐसे परिवार से आता है, जिनके पूर्वजों ने महात्मा गांधी के साथ अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। मुख्तार के दादा डॉ मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 1926-27 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। उसके नाना ब्रिगेडियर उस्मान महावीर चक्र विजेता थे। पूर्व उपराष्ट्रपति और कूटनीतिज्ञ हामिद अंसारी भी रिश्ते में मुख्तार के चाचा लगते हैं।

रसूखदार परिवार के लड़का बना जरायम की दुनिया का सरदार

एक प्रतिष्ठित परिवार से आने वाले मुख्तार अंसारी ने बिल्कुल अपने पूर्वजों से अलग राह पकड़ी और पूर्वांचल में खौफ का पर्याय बन गया। हिस्ट्रीशीटर मुख्तार पर देश की अलग-अलग अदालतों में हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा भड़काने, साजिश रचने, धमकी देने, संपत्ति पर कब्जा करने, धोखाधड़ी और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने जैसे कई मामले दर्ज हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी की बांदा जेल में बंद माफिया डॉन पर 61 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 24 कोर्ट में विचाराधीन हैं। 61 में से 52 मुकदमे यूपी के विभिन्न जिलों के थाने में दर्ज हैं। 24 में से 15 मुकदमे यूपी में विचाराधीन हैं।

आधा दर्जन से अधिक राज्यों में नेटवर्क

माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का आतंक केवल उत्तर प्रदेश की सीमाओं तक ही सीमित नहीं था। इसने देश के आठ राज्यों में अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था। शातिर मुख्तार ने हर राज्य के कुख्यात अपराधियों और माफियों के साथ गठजोड़ किया और वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। मसलन बिहार में उसने सीवान के दिवंगत कुख्यात बाहुबली शहाबुद्दीन के साथ सांठगांठ कर रखा था। इसी तरह उसने गुजरात में कोयला सप्लाई पर कंट्रोल हासिल करने के लिए वहां के कुख्यात अपराधियों एजाज लकड़वाला और फरजू रहमान के साथ मिलकर एक सिंडिकेट तैयार किया। मुंबई में उसने शूटर मुन्ना बजरंगी के साथ तेल के व्यापार में वर्चस्व कायम किया।

यूपी, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र के बाद उसने उत्तर भारत के तीन राज्यों हरियाणा, पंजाब और राजस्थान तक अपने आपराधिक गिरोह के नेटवर्क का विस्तार किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1994 से 2016 तक मुख्तार अंसारी ने इस इलाके के नामी गैंगस्टर जसविंदर सिंह रॉकी की मदद से अपने गैंग को खड़ा किया। बताया जाता है कि जब तक रॉकी जिंदा रहा यूपी के शूटर्स का पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में और इन राज्यों के शूटर्स का इस्तेमाल यूपी में जमकर हुआ।

2016 में रॉकी की हत्या कर दी गई। जिन पांच संदिग्धों पर उसकी हत्या का शक था, वो धीरे-धीरे परलोक जाते रहे। बताया जाता है कि उन्हें ऊपर पहुंचाने में मुख्तार गैंग का ही था। हालांकि, ये बात कभी साबित नहीं हो पाई।

मुख्तार से जुड़े तीन सबसे चर्चित मामले

यूं तो मुख्तार अंसारी गुनाहों के मामले में आकंठ डूबा हुआ है लेकिन फिर भी उससे जुड़े कुछ ऐसे चर्चित मामले हैं, जिसने उसे जरायम की दुनिया का सबसे खूंखार आपराधिक गिरोह के सरगना के रूप में स्थापित किया। पहला मामला है वाराणसी की पुलिस लाइंस में हेड कांस्टेबल राजेंद्र सिंह की हत्या। राजेंद्र को चलती जीप से गोली मारी गई थी। बताया जाता है कि इस घटना को स्वयं मुख्तार ने अंजाम दिया था क्योंकि चलती गाड़ी से सटीक निशाना लगाना उसी के बस की बात थी। हेड कांस्टेबल राजेंद्र सिंह मुख्तार के कट्टर दुश्मन बाबुबली बृजेश सिंह के करीबी त्रिभुवन सिंह का भाई था।

दूसरा मामला है साल 2005 में हुए मऊ दंगों का। दंगों के बाद का एक वीडिया आज भी काफी वायरल है और न्यूज चैनल्स अक्सर उसे दिखाते रहते हैं। वीडियो में मुख्तार खुली जीप में हथियारों से लैस लोगों के साथ दंगाग्रस्त इलाकों में घूमता नजर आता है। बताया जाता है कि मुख्तार ने इस वीडियो के जरिए इलाके में अपने खौफ और दबदबे का संदेश दिया था।

तीसरा सबसे चर्चित केस है बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड। साल 2005 में मुहम्मदाबाद सीट से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों को गोलियों भून दिया गया था। इस हत्याकांड में मुख्तार का नाम आया। लेकिन सीबीआई भी उससे खिलाफ मजबूत साक्ष्य नहीं जुटा पाई और नतीजा ये निकला कि वो बरी हो गया।

मुख्तार को सजा मिलने में लग गए कई दशक

पूर्वांचल में खौफ का पर्याय बन चुके माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के ऊपर 50 से अधिक मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उसे सलाखों के पीछे धकेलने में दशकों लग गए। करोड़ों रूपये की मासिक उगाही करने वाला मुख्तार अपराध दर अपराध करता रहा और पुलिस – प्रशासन केवल उसके नाम केस दर्ज करने में लगा रहा। अभी तक मात्र उसे तीन मामलों में सजा हुई है और कई मुकदमे लाइन में हैं। यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार आने के बाद उसके खिलाफ एक्शन में तेजी आई है।

मुख्तार अंसारी के आपराधिक कृत्यों की जांच पड़ताल में तेजी लाने के साथ-साथ अवैध तरीके से जमा किए गए काली संपत्ति पर भी बुलडोजर कार्रवाई शुरू की गई। उसके गैंग के कई शूटरों का एनकाउंटर हो चुका है। 573 करोड़ से अधिक संपत्तियां यो तो ध्वस्त कर दी गईं या फिर जब्त कर ली गई। उसके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी भी एक्टिव है। मुख्तार के साथ-साथ उसका बेटा अब्बास अंसारी भी सलाखों के पीछे है।

खौफ के बल पर कायम किया सियासी वर्चस्व

माफिया डॉन से बाहुबली नेता बना मुख्तार अंसारी मऊ इलाके में अपना सियासी वर्चस्व कायम करने में सफल रहा। उसके परिवार के लोग विधानसभा से लेकर संसद तक पहुंचने में सफल रहे। मुख्तार खुद मऊ सदर से लगातार पांच जीत हासिल कर चुका है। गत विधानसभा चुनाव में उसने इस सीट से अपने बेटे अब्बास अंसारी को उतारा, जो जीतने में सफल रहा। इसके अलावा उसका एक भतीजा भी विधायक है। मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर सीट से लोकसभा सांसद हैं। अंसारी परिवार ने समय – समय पर सपा – बसपा जैसे प्रदेश की दो ताकतवर राजनीतिक पार्टियों से अपनी नजदीकी बना कर इलाके में दबदबे को कायम रखा।



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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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