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Jhansi News: AIRF वर्किंग कमेटी के सदस्य बने अमर सिंह यादव, कहा-पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं की तो करेंगे हड़ताल
Jhansi News: AIRF वर्किंग कमेटी के सदस्य व नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेन्स यूनियन के मंडल मंत्री अमर सिंह यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं की तो लाखों रेल कर्मचारी हड़ताल करेंगे।
Jhnasi News: झाँसी में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन वर्किंग कमेटी के सदस्य व नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेन्स यूनियन के मंडल मंत्री अमर सिंह यादव ने कहा कि अगस्त तक पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं की तो सितंबर में लाखों रेल कर्मचारी हड़ताल पर करेंगे। पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा तय किए गए कार्यक्रमों को सफल बनाने हेतु जोरदार तैयारी एवं भागीदारी का संकल्प लिया गया। 21 मार्च को जिला स्तर पर संयुक्त रैलियों के आयोजन किया जाएगा।
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री कॉम शिवगोपाल मिश्रा द्वारा झाँसी मंडल के नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेन्स यूनियन के के मंडल मंत्री अमर सिंह यादव को ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन में वर्किग कमेटी का सदस्य चुना गया है। इसकी जानकारी यूनियन के नेताओं व कर्मचारियों को पता चली तो खुशी जाहिर की है। बताया गया है कि अब रेलवे बोर्ड तक की समस्याओं को मंडल मंत्री द्वारा स्वत ही उठाया जा सकेगा।
इस संबंध में एनसीआरएमयू के मंडल मंत्री अमर सिंह यादव ने कहा है कि 2 व 3 मार्च को जोधपुर में हुई कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने रनिंग स्टाफ पर लगातार बढ़ते दबाव, पदों के सरेंडर हेतु 2 प्रतिशत के लक्ष्य निर्धारण, लेवल 8 एवं 9 में पर्यवेक्षकों की पदोन्नति में विलंब, ट्रैकमेंटेनर, तकनीशियन सहित विभिन्न कैटेरिगरी से संबंधित मांगों पर निर्णय लेने में रेलवे बोर्ड द्वारा विलंब किए जाने, रेलों में बढ़ते निजीकरण एवं आउट सोर्सिंग पर चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर विरोध करने का निर्णय लिया।
क्रू लॉबी के समक्ष 20 मार्च को धरना-प्रदर्शन
मंडल मंत्री ने कहा है कि रनिंग स्टॉफ पर लगातार छोटी-छोटी बातों पर प्रताड़ित किए जाने की बढ़ती घटनाओं पर एआईआरएफ ने गंभीर चिंता जताते हुए पत्र लिखकर रेलवे के बोर्ड चेयरमैन/सीईओ को एक पत्र लिखा है,जिसमें तत्काल ही रनिंग स्टॉफ को हैरेसमेंट रोकने की कार्रवाई करने को कहा है. रेलवे बोर्ड की नीति के खिलाफ पूरे सभी स्टेशनों पर क्रू लॉबी के समक्ष आगामी 20 मार्च को धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया है।
परिवार से बात पर बंदिश बर्दाश्त नहीं
रनिंग स्टॉफ को प्रशासन द्वारा सनकी आदेश जारी कर अपमानित किया जा रहा है कि वे अपने मोबाइल फोन जमा कर लें और हस्ताक्षर करने के बाद उन्हें आराम के घंटों के दौरान अपने परिवार से संपर्क करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सीएलआई को उनके परिवारों की काउंसिलिंग के लिए उनके घर भेजा जाएगा। ये कुछ उदाहरण हैं कि प्रशासन ने रनिंग स्टॉफ का मनोबल गिराने की हद कर दी है। चालक दल को ड्यूटी के घंटों से काम करने के लिए मजबूर किया जाता है, और उन्हें वॉकी-टॉकी के गैर-प्रदर्शन के लिे दंडित किया जा रहा है। क्रू को समय-समय पर आराम नहीं दिया जा रहा है और यहां तक कि उन्हें वास्तिवक कारणों से भी छुट्टी की अनुमति नहीं है। कइयों को इस तरह से टाइट किया गया है, जहां क्रू को नहीं माना जा रहा है।
इंसान नहीं, मशीन समझ कर कराया जा रहा काम
मंडल मंत्री अमर सिंह ने कहा कि भारतीय रेलवे में कर्मचारियों को इंसान नहीं समझा जा रहा, बल्कि उनसे मशीन की तरह काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। रनिंग स्टॉफ के ओवरटाइम भत्ते को कई बार अस्वीकार या विलंबित किया जा रहा है। सहायक लोको पायलटों को बिना मार्ग से परिचित कराए और उन्हें उचित प्रशिक्षण दिए बिना ट्रेन प्रबंधक के रुप में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।