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अमरेंद्र निषाद ने समाजवादी पार्टी छोड़ने का दिए संकेत,वर्तमान सांसद की वजह से बढ़ी पार्टी से दूरियां
समाजवादी पार्टी से नाराज चल रहे अमरेंद्र निषाद ने आज अपने विधान सभा क्षेत्र के लोगों की आवश्यक बैठक किया। बैठक में सभी समर्थकों ने एक सुर में भरोसा भी जताया कि लोकसभा चुनाव तो लड़ना है चाहे पार्टी टिकट दे या न दे। मीडिया से बात करते हुए अमरेंद्र निषाद कहा कि कुछ लोग निषाद समाज को गुमराह कर के पार्टी में पैठ बनाकर जनप्रतिनिधि बन गए।
गोरखपुर: समाजवादी पार्टी से नाराज चल रहे अमरेंद्र निषाद ने आज अपने विधान सभा क्षेत्र के लोगों की आवश्यक बैठक किया। बैठक में सभी समर्थकों ने एक सुर में भरोसा भी जताया कि लोकसभा चुनाव तो लड़ना है चाहे पार्टी टिकट दे या न दे। मीडिया से बात करते हुए अमरेंद्र निषाद कहा कि कुछ लोग निषाद समाज को गुमराह कर के पार्टी में पैठ बनाकर जनप्रतिनिधि बन गए। पर समाज के लोगों की या जनता की कोई सुध नहीं ले रहा है। दबी जुबान में इशारा वर्तमान सदर सांसद प्रवीण निषाद,और उनके पिता निषाद पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद की तरफ था। आगे कहा फिलाहल अभी सपा का सदस्य हूं आगे एक हफ्ते में सब साफ हो जाएगा कि क्या होने वाला है।
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आप को बता दे अमरेंद्र निषाद के पिता स्वर्गीय जमुना निषाद बसपा शासन काल कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।और मुख्यमंत्री के खिलाफ लोक सभा में सपा के टिकट से चुनाव भी लड़ चुके है।लोक सभा चुनाव में पराजय मिलने के बाद वे विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट से किस्मत आजमाया जहां उन्हें जीत मिली और उन्हें मायावती की सरकार में मंत्री पद से नवाजा गया।
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उनकी मौत के बाद उनकी पत्नी दो बार पिपराइच विधानसभा सभा से विधायक रह चुकीं है।स्वर्गीय जमुना निषाद, निषादों के बड़े नेता के रूप में जाने थे।लेकिन जबसे निषाद पार्टी ने गोरखपुर के उप चुनाव में गोरखपुर लोक सभा सीट जीती तबसे जमुना निषाद के पुत्र व उनकी माता राजमती निषाद की सपा में अनदेखी से इस परिवार की दूरी बढ़ गयी है।सूत्रों के मुताबिक 23 फरवरी को गोरखपुर में आयोजित किसान रैली का उद्घाटन करने आए अमित शाह से जमुना निषाद का परिवार मिलना चाहता था।लेकिन किसी कारण वश नहीं मिल पाए।
लोगों ने ये कयास लगाना शुरू कर दिया है,कि जमुना निषाद का परिवार बीजेपी में शामिल हो सकता है।वहीं गोरखपुर निषाद बाहुल्य क्षेत्र में बीजेपी भी निषाद नेता के बड़े चेहरे की तलाश में है।