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Ambedkar Nagar: पूर्व मंत्री के पक्ष में उतरे अजीत यादव ने कहा, 'अंतिम समय तक तन मन धन से रहे साथ'
Ambedkar Nagar: समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रत्याशी अजीत यादव (Ajeet Yadav) ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है। जिसमें उन्होंने पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा के खिलाफ की गई टिप्पणी का जवाब दिया है।
Ambedkar Nagar: जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को मिली करारी हार के बाद पार्टी में उठा तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, जिस तरह पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर एक पूर्व मंत्री के खिलाफ लगातार टिप्पणी की जाती रही है, उसको लेकर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे अजीत यादव (Ajeet Yadav) अब खुद सोशल मीडिया पर आ गए हैं।
अजीत यादव ने फेसबुक पर की गई अपनी पोस्ट में लिखा है कि कुछ लोग जान बूझकर समाजवादी पार्टी को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा टिकट मिलने के समय से अंतिम समय तक उनके साथ रहे। उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर की जा रही टिप्पणी उचित नहीं है। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि टिकट मिलने से लेकर अंतिम समय तक पार्टी के जिन नेताओं ने उनका जिस प्रकार से विरोध किया उसे केवल वही समझ सकते हैं। उन्होंने कहा है कि पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा पूरी तरह से तन मन और धन से अंतिम समय तक उनके साथ थे।
नेताओं में चल रहा अंतर्द्वंद पार्टी के लिए खतरनाक
अजीत यादव ने यह भी लिखा है कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार होगी और जिला पंचायत अध्यक्ष भी समाजवादी पार्टी का ही होगा। अजीत यादव की ओर से की गई इस पोस्ट से अब यह स्पष्ट हो गया है कि समाजवादी पार्टी में कुछ ना कुछ तो गड़बड़ जरूर चल रहा है। पार्टी नेताओं में चल रहा अंतर्द्वंद पार्टी के लिए ही खतरनाक साबित हो रहा है। जिसका परिणाम जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सामने आ चुका है। अब देखना यह है कि आसन्न ब्लॉक प्रमुख चुनाव में समाजवादी पार्टी के नेताओं की क्या भूमिका सामने आती है?
हार का कारण बताओ नोटिस जारी
गौरतलब हो कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के नतीजों में समाजवादी पार्टी को करारी हार देखने के बाद रविवार को समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में हारे हुए जिलों के जिलाध्यक्षों समेत अन्य पदाधिकारियों को हार का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी की ओर से इस संबंध में पत्र भेजा गया है और कहा गया है कि 7 जुलाई तक चुनाव में हार के कारण साफ करें।