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खराब एंबुलेंस में तड़पता रहा मरीज, गाड़ी छोड़कर भाग गया ड्राइवर
किदवई नगर इलाके में एक युवक एमोरोल्ड हॉस्पिटल में भर्ती था उसकी हालत बेहद नाजुक थी। उसे आईसीयू से निकालकर एमोरोल्ड हॉस्पिटल की एम्बुलेंस से दूसरे हॉस्पिटल में ले जा रही थी। एम्बुलेंस खराब हो गई, ऐसे में करीब 40 मिनट तक मरीज और उसके परिजन परेशान रहे।
कानपुर: कहते हैं कि एक डॉक्टर मरीज के लिए भगवान होता है और मरीज की जान बचाना उसका नैतिक कर्तब्य। धरती का ये भगवान जब संवदेनशीलता को छोड़ संवेदनहीन हो जाए तो सवाल खड़े हो जाते हैं। घटना किदवई नगर की है, जहां एक मरीज एंबुलेंस में तड़प रहा था पर डाक्टरों ने उसे देखना तक मुनासिब नहीं समझा। परिजन रोते बिलखते रहे पर डॉक्टर नहीं पसीजे। इतना ही नहीं हॉस्पिटल का ड्राइवर भी मरीज को छोड़कर भाग निकला।
एमोरोल्ड हॉस्पिटल
क्या है पूरा मामला?
-किदवई नगर इलाके में एक युवक एमोरोल्ड हॉस्पिटल में भर्ती था उसकी हालत बेहद नाजुक थी।
-उसे आईसीयू से निकालकर एमोरोल्ड हॉस्पिटल की एम्बुलेंस दूसरे हॉस्पिटल में ले जा रही थी।
-एम्बुलेंस खराब हो गई, ऐसे में करीब 40 मिनट तक मरीज और उसके परिजन परेशान रहे।
-इस दौरान एम्बुलेंस का ड्राइवर भी मरीज को एम्बुलेंस में ही छोड़ कर फरार हो गया।
मरीज को दूसरी एम्बुलेंस में बैठाते हुए
डॉक्टर हुए संवेदनहीन
-मरीज के परिजनों ने एमोरोल्ड हॉस्पिटल के डॉक्टरों को सूचना दी।
-लेकिन न तो वहां डॉक्टर पहुंचे और न ही एम्बुलेंस।
-काफी मशक्कत के बाद राहगीरों की मदद से परिजनों ने दूसरी एम्बुलेंस ली।