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108 पर फोन करने पर नहीं आई एम्बुलेंस, कहा- ये सेवा पागलों के लिए नहीं, मर गई महिला

Manali Rastogi
Published on: 16 Sep 2018 6:43 AM GMT
108 पर फोन करने पर नहीं आई एम्बुलेंस, कहा- ये सेवा पागलों के लिए नहीं, मर गई महिला
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बरेली: बरेली में 100 से अधिक हुई बुखार से मौतों के बाद भी स्वास्थ्य महकमा सुधरने का नाम नहीं ले रहा। अब एम्बुलेंस के इंतजार में एक महिला ने दो घंटे तक सड़क पर तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। इसलिए अगर आप किसी बीमार को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल कर रहे हैं तो जरा संभलकर करिएगा।

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ऐसा ना हो कि एंबुलेंस तो आए नहीं और उससे पहले बीमार व्यक्ति की मौत हो जाए। 108 पर फोन करने पर आपसे कहा जाए की यह एंबुलेंस सेवा किसी पागल के लिए नहीं है। एम्बुलेंस के इन्तजार में सड़क पर तड़प तड़प कर एक महिला की मौत हो गई।

उत्तर प्रदेश की 108 एम्बुलेंस सेवा और एक युवक के बीच की गई बातचीत जरा गौर से सुनिएगा जिसमें 108 एंबुलेंस सेवा की कस्टमर केयर अधिकारी साफ-साफ बोल रही है की पागल के लिए एंबुलेंस सेवा नहीं है जब से महिला के गंभीर बीमार होने की बात कही तो डेढ़ से 2 घंटे इंतजार कर फिर कॉल करने को कहा गया।

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इसके बाद मौत से जंग लड़ रही बीमार महिला को 2 घंटे तक इंतजार करने की बात कही जाती हैं। इस ऑडियो को सुनकर आप भी अनुमान लगा सकते हैं कि यूपी सरकार की 108 सेवा किस तरह काम कर रही है।

दरअसल बरेली शहर के बीचो बीच किला थाना क्षेत्र के सिटी स्टेशन के सामने सड़क किनारे एक लावारिस महिला पड़ी थी जो प्रथम दृष्टया गंभीर बीमार लग रही थी। सड़क किनारे महिला को तड़पता देख पवन नाम के एक व्यक्ति ने 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल की तो जो जवाब मिला उसे सुन वह दंग रह गया।

पवन की माने तो 108 एम्बुलेंस सेवा की तरफ से बीमार महिला को अस्पताल पहुंचाने के बजाय एंबुलेंस कस्टमर केयर से कहां गया की 108 सेवा पागल मरीजों के लिए नहीं है। जब 108 के कस्टमर केयर अधिकारी को बताया गया कि वह गंभीर बीमार है तो डेढ़ से 2 घंटे एंबुलेंस बिजी होने की बात कहकर फिर कॉल करने की बात कही गई।

पवन ने दोबारा 108 एंबुलेंस सेवा के कस्टमर केयर को कॉल किया तो फिर वही जवाब मिला एंबुलेंस बिजी है अभी नहीं आ सकती । बीमार महिला सड़क के किनारे कई घंटों तक पड़ी रही पर कोई एंबुलेंस उसको लेने नहीं आई। आखिरकार महिला मौत से जंग हार गई और सड़क किनारे पड़े पड़े दम तोड़ दिया। पवन का कहना है कि अगर समय पर 108 एंबुलेंस सेवा मिल जाती तो महिला की सड़क किनारे मौत ना होती।

सबसे बड़ी बात यह है जिस जगह महिला पड़ी थी उधर से हजारों लोग निकल रहे थे और जिला अस्पताल की दूरी लगभग डेढ़ किलोमीटर की होगी उसके बावजूद भी 108 एंबुलेंस समय से नहीं पहुंची।

एम्बुलेंस तो नहीं पहुंची न ही किसी ने इतनी जहमत उठाई कि वो उस महिला को किसी और वाहन से जिला अस्पताल पहुंचा देता तो शायद उसकी जान बच जाती। वहीं, इस मामले में सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला का कहना है कि मीडिया के माध्यम से हमें इस मामले कि जानकारी हुई है।

उन्होंने कहा कि ये बहुत ही गंभीर मामला है। उन्होंने बताया कि 108 के साथ उनका ऐसा अनुबंध है कि जहाँ से भी फोन किया जाये 20 मिनट के अंदर एम्बुलेंस वह पहुंच जाये। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हुआ ये बहुत ही गंभीर और दुखद है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मई कठोर कार्रवाई करूंगा।

सड़क किनारे लावारिस महिला की मौत से पहले अगर 108 एंबुलेंस सेवा मिल जाती तो शायद सड़क किनारे तड़प-तड़प कर इसकी मौत ना होती लेकिन हमारे देश में इंसान कि जान कि कोई कीमत नहीं है यही वजह है कि एक महिला सड़क किनारे एम्बुलेंस के इंतजार में तड़प तड़प कर मर गई, जिसने एक बार फिर यूपी के स्वास्थ्य महकमे कि पोल खोलकर रख दी।

यहां सुने ऑडियो क्लिप

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