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जादू से बच्चों को जागरूक करता है ये जादूगर, दो किताबें भी लिखी हैं
लखनऊ: अक्सर हमने देखा है कि बचपन में जादू देखने की हर बच्चे की जिद होती है। उन्हें लगता है कि जादूगर और उसकी बातें एकदम सच होती हैं। बच्चे उन्हीं की बात मानते हैं, जिन्हें वह पसंद करते हैं। पर क्या आपने सोंचा है कि अगर इसी जादू के खेल को समाज की आने वाली पीढ़ी के बच्चों को नशे की आदत के बारे में जागरूक करने का जरिया बना लिया जाए, तो शायद युवा पीढ़ी को खाती इस बुरी लत को दुनिया से गायब करने में समय नहीं लगेगा। कुछ ऐसा ही काम कर रहे हैं अमेरिका के निवासी ' जेम्स मेरिल्स '।
कौन हैं जेम्स मेरिल्स
-मिशगन के रहने वाले मेरिल्स एक ऐसे शख़्स हैं जिन्होंने अपनी जादू की कला को जरिया बना कर पूरी दुनिया में एक नयी क्रांति की शुरुआत की है।
-जेम्स पेशे से एक थेरेपिस्ट हैं,अपने जादू के शौक और हुनर को जरिया बनाया है
-बच्चों और जवानों को नशे और उससे होने वाले दुष्प्रभावों से रूबरू कराने का।
-यूरोप समेत अलास्का और भारत जैसे कई देशों के विद्यालयों से लेकर विश्व विद्यालयों तक 'टेक बैक योर थिंग ' नामक प्रोग्राम के तहत बच्चों और युवाओं को नशे के साथ-साथ सोशल मीडिया के दुष्परिणामों के बारे में जागरुक करवाते हैं।
क्या है कहना जेम्स मेरिल्स का
-प्राथमिक से लेकर विश्व विद्यालयों तक छात्रों के बीच जागरुकता फैलाने की कोशिश करवाने वाले जेम्स का कहना है।
-बच्चे देखकर ज़्यादा सीखते हैं। इसलिए मैं कोशिश करता हूं कि अपने हुनर को इस्तेमाल कर इन मासूम दिमाग पर समाज की बुराइयों की ऐसी छाप छोड़ूं।
-ताकि वे खुद को इन बुराइयों से दूर रख सके।
जादू की दुनिया पर लिखी हैं दो किताबें भी
-जेम्स ने भारत आने से पूर्व काफ़ी दिनों तक अलास्का में रहकर एस्किमों को भी शिक्षित किया है।
-वे खुद को एक आध्यात्मिक वक्ता मानते हैं।
-पिछले 20 सालों से अलग-अलग देशों के विद्यालयों मे जाकर छात्रों को नशे औऱ सोशल मीडिया से अवगत कराते हैं।
बच्चों को जादू दिखाते हुए जेम्स
-जेम्स ने धर्म समेत जादू की दुनिया पर दो किताबें भी लिखी हैं ।
-जेम्स का कहना है कि भारत मे पूरे विश्व के मुकाबले नशे के शिकार युवाओं की दर काफ़ी कम है।
-अगर अभी से इस पर काम किया जाए, तो भारत एक नशा मुक्त देश बन सकता है ।
बच्चों को जादू से अपनी बात समझाते हुए