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सरकार! गोवा को चमकाएंगे, गोद लिए गांव को नहीं?

कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के बरौलिया गांव को मनोहर पर्रिकर ने गोद लिया था, जब वो केंद्र रक्षा मंत्री थे। फिलहाल, मनोहर पर्रिकर गोवा के सीएम हैं और गोवा को चमकाने में लगे हैं। लेकिन गोद लिए गांव को नहीं चमकाएंगे। तब भी लंबा वक्त बीत जानें के बाद भी गांव की तस्वीर बदल नहीं सकी है। आलम ये है के ऊपर से बरौलिया गांव को चमकाने की कोशिश हुई है लेकिन अंदर की हक़ीक़त ऊपर की चमक पर सवाल उठा रही है।

priyankajoshi
Published on: 25 Jan 2018 9:43 AM GMT
सरकार! गोवा को चमकाएंगे, गोद लिए गांव को नहीं?
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अमेठी: कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के बरौलिया गांव को मनोहर पर्रिकर ने गोद लिया था, जब वो केंद्र रक्षा मंत्री थे।

फिलहाल, मनोहर पर्रिकर गोवा के सीएम हैं और गोवा को चमकाने में लगे हैं। लेकिन गोद लिए गांव को नहीं चमकाएंगे। तब भी लंबा वक्त बीत जानें के बाद भी गांव की तस्वीर बदल नहीं सकी है। आलम ये है कि ऊपर से बरौलिया गांव को चमकाने की कोशिश हुई है, लेकिन अंदर की हकीकत ऊपर की चमक पर सवाल उठा रही है।

मूलभूत सुविधाओं से वंचित

गौरतलब है कि अमेठी के बरौलिया गांव की दूरी जिले से क़रीब 12-13 किलोमीटर है। वर्तमान समय में गांव के विकास की स्थिति ये है कि सड़कों से लेकर मुख्य द्वार और शौचालय बना कर गांव को चमकाने का अथक प्रयास हुआ। लेकिन गांव के अंदर की बदहाली ऊपरी विकास का सच बताने के लिए काफी है। गांव में विकास का पहिया थम गया है और यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।

गोद लिये गांव का है ये हाल

बरौलिया गांव के अंदर की जो तस्वीरें कैमरे में कैद हुई उसनें मनोहर पर्रिकर के साथ-साथ राहुल गांधी और स्मृति ईरानी के विकास के दावों की पोल खोल कर रख दी है। आलम ये है कि पीने के पानी के लिए न हैंडपंप है, न नाली और न ही खड़न्जे। रौशनी के लिए लगे सोलर लैंप आधे ही जल रहे और आधों की स्थिति यह है के वो शो-पीस बने हैं।

स्वच्छता अभियान पर भी उठी उंगली

गांव के लोगों का कहना है कि एक भी पैसे का विकास नहीं हुआ है। विकास के नाम पर बस एक तालाब बना है। इसके अलावा बने शौंचालयों पर ताले लटक रहे हैं जिससे सरकार के स्वच्छता अभियान पर भी उंगली उठ रही। ग्रामीणोंं ने बताया कि बरसात के दिनों में तो उन्हें सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण बताते हैं कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक बार गांव तक आई भी तो बाहर-बाहर निकल गई।

कांग्रेस ने योजना को बताया फेल

गांव की इस बदहाली पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा का कहना है कि सरकार की ये योजना ही फेल है। उन्होंंने कहा कि अगर आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव लिया गया था तो उसका अलग से बजट होना चाहिए था। बजट नहीं है तो कहां से काम होगा? ये बिना सोची समझी योजना है और बीजेपी की हर योजना ऐसी ही है।

बीजेपी का कांग्रेस पर आरोप

वहीं इस मामले पर बीजेपी जिलाध्यक्ष उमाशंकर पाण्डेय ने कहा कि गांव को तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर ने दीदी स्मृति ईरानी की प्रेरणा से गोद लिया था। बरौलिया गांव में जाना इतना दूभर था कि सड़के नहीं थी। आपको बता दें कि हकीकत इस दावें से अलग है। उन्होंंने गांव में सभी को विधवा पेंशन दिए जाने की भी बात कही है, जबकि बहुतेरे घरों में चिराग तले अंधेरा है। उन्होंंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि वास्तविकता ये है राहुल जी अपने गोद लिए गांव जगदीशपुर में कुछ नहीं कर पाए इसलिये वो यह आरोप लगा रहे।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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