Amethi: अमेठी में स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी, स्वास्थ्य केंद्रों पर रात में नहीं मिलते डॉक्टर, इमरजेंसी सेवा धड़ाम

Amethi News: जिले में 13 सामुदायिक और 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था निजी और झोलाछाप डॉक्टरों के हाथों है।

Surya Bhan Dwivedi
Published on: 15 Sep 2022 8:14 AM GMT (Updated on: 15 Sep 2022 9:33 AM GMT)
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अमेठी में स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी (photo: social media )

Amethi News: जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी है। सरकारी आवास होने के बावजूद सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अधीक्षक रात्रि निवास नहीं कर रहे। कई केंद्रों पर शाम ढलते ही ताला लटक जाता है। इमरजेंसी इलाज के नाम पर यहां वार्ड बॉय ही मिलते हैं। जिले में 13 सामुदायिक और 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था निजी और झोलाछाप डॉक्टरों के हाथों है। या फिर मरीजों को पड़ोसी जिलों पर निर्भर होना पड़ रहा है। इस संबंध में सीएमओ अमेठी (CMO Amethi) ने जांच कराने की बात कही है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री की सख्ती का असर अमेठी में होता नहीं दिखा रहा। जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर दिन के वक्त ओपीडी के दौरान तो डॉक्टर मिल जाते हैं, मगर रात में इमरजेंसी सेवा के लिए लोगों को निजी क्लीनिक पर ही निर्भर होना पड़ता है। कई मरीज तो पड़ोसी जिलों का भी रुख कर लेते हैं। इसकी मुख्य वजह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों का रात में न ठहरना है। जबकि, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर शाम ढलते ही ताले लटक जाते हैं।

एएनएम केंद्रों की भी हालत ठीक नहीं

कमोबेश यही हालत एएनएम केंद्रों की भी है। ANM सेंटर्स पर भी बहुत कम कर्मचारी रहते हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अधीक्षक डॉक्टर्स के न रहने पर इमरजेंसी सेवा लोगों को नहीं मिल पा रही है। रात में इलाज के लिए गए लोगों को काफी इंतजार के बाद चिकित्सक मिलते हैं। आरोप है कि, अधिकतर मरीजों को देखने के बाद रेफर कर दिया जाता है।

आवास खाली, डॉक्टर नदारद

आपको बता दें कि, जिले के जगदीशपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिले का फर्स्ट रेफरल केंद्र है। जहां कई वर्षों से सरकारी आवास पर रिटायर्ड या अन्य केंद्रों पर तैनात चिकित्सकों के कब्जे थे। आवास खाली होने के बावजूद अधीक्षक 6 किलोमीटर दूर रहकर सेवा दे रहे हैं।

आवास खाली, 8 किलोमीटर दूर से सेवा दे रहे है अधीक्षक

गौरतलब है कि, जिलाधिकारी की सख्ती के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जगदीशपुर में अधीक्षक ने आवास खाली कराने का नोटिस चिकित्सा कर्मियों को दिया। जगदीशपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार आवास की अनुपलब्धता बताई गई है। वहीं, एक अन्य पत्र में उन्होंने कई लोगों को आवास खाली करने का नोटिस भी दिया। बावजूद इसके उन्होंने अपना आवास अलॉट नहीं किया। उन्होंने स्वयं को रानीगंज कस्बे से रहकर सेवा देने की बात कही है। जबकि रानीगंज इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 8 किलोमीटर दूर है।

बाजार शुकुल की भी हालत ठीक नहीं

वहीं, बाजार शुकुल की बात की जाए तो वहां भी अधीक्षक रात्रि निवास नहीं करते। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोसाईगंज में ओपीडी के अलावा कोई भी चिकित्सक केंद्र पर नहीं मिलते हैं। यही हाल पूरे जिले में देखने को मिल रहा है। अधीक्षक के रात्रि निवास न करने पर इमरजेंसी सेवाओं पर काफी असर पड़ रहा है। इस वजह से रात में जाने वाले मरीजों को वापस लौटना पड़ता है। अधिकांश बार तो वार्ड बॉय ही मौके पर मिलते हैं। लंबे इंतजार के बाद डॉक्टर इलाज के लिए आते हैं।

CMO का गैर जिम्मेदाराना बयान

इस पूरे मामले में सीएमओ अमेठी डा विमलेंद्रु शेखर (CMO Amethi Dr. Vimalendru Shekhar) ने बताया कि, 'अमेठी जिले के 13 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अधीक्षक रात्रि निवास नहीं करते हैं। मुझे यह जानकारी नहीं है। यदि ऐसी जानकारी मिलेगी तो कार्यवाही की जायेगी। सभी अधीक्षक रहते हैं। यदि उन्हें नहीं रहना होता है, तब किसी को जिम्मेदारी देकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छोड़ते हैं। इसी क्रम में जब उनसे पूछा गया कि बाजार शुकुल और जगदीशपुर सामुदायिक केंद्र पर आवास खाली होने के बाद भी अधीक्षक नहीं रहते हैं तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई जायेगी। हो सकता है आवास रहने योग्य न हो। शुकुल बाजार की तो मुझे जानकारी है, कि वहां अधीक्षक ने आवास खाली नहीं किया है। जब वो खाली कर देंगे तो दूसरे अधीक्षक निवास करेंगे।'

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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