TRENDING TAGS :
Amethi: पंचायती राज विभाग में लाखों रुपयों का भ्रष्टाचार आया सामने, जांच के लिए टीम गठित
Amethi: पंचायती राज विभाग में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। मुख्य विकासअधिकारी ने लाखों रुपयों के सरकारी धन के दुरुपयोग मामले में जांच के आदेश दिए है।
Amethi: पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj Department) में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। ब्लाकों में तैनात पंचायत सचिवों द्वारा अपने चहेते व्यक्तियों के खाते में लाखों रुपयों के सरकारी धन के दुरुपयोग मामले में मुख्य विकास अधिकारी ने जांच के आदेश दिए है। डीडीओ और शिक्षा विभाग के लेखधिकारी एक सप्ताह के अंदर लाखों रुपयों के दुरुपयोग मामले की जांच करेंगे। मुख्य विकास अधिकारी में कहां कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जांच कमेटी की गई गठित
मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय अमेठी (Chief Development Officer Office Amethi) द्वारा मिली जानकारी के अनुसार सुरजीत यादव पुत्र जग प्रसाद निवासी ग्राम पुरे पांडे मजरे इक्का ताजपुर द्वारा की गई शिकायत को मुख्य विकास अधिकारी अमेठी द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी गठित कर दी गई है। सीडीओ अंकुर लाठर (CDO Ankur Lather) ने जिला विकास अधिकारी एवं सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी डीआईओएस कार्यालय की संयुक्त रूप से समिति गठित किया है।
इन लोगों पर लगाया सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप
शिकायत कर्ता ने विकासखंड अमेठी में कार्यरत सचिव धर्मेंद्र श्रीवास्तव एवं संजय कुमार के ऊपर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।उनका आरोप था कि प्रमोद कुमार के खाते में अनाधिकृत रूप से लाखों की धनराशि हस्तांतरित करते हुए शासकीय धन का दुरुपयोग किया है। इसके साथ ही विकास खंड तिलोई में कार्यरत अनुराग यादव ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा अजय कुमार गुप्ता को मिलाकर उसके खाते में विभिन्न ग्राम पंचायतों की शासकीय धन का हस्तांतरण किया गाय है।
दोषियों के खिलाफ की जाएगी कड़ी कार्रवाई: मुख्य विकास अधिकारी
मुख्य विकास अधिकारी अंकुर लाठर (Chief Development Officer Office Amethi) ने बताया कि डीडीओ और वित्त लेखा अधिकारी की संयुक्त रूप से समिति गठित की गई है। प्रकरण की निष्पक्ष एवं समय बद्ध तरीके से जांच करते हुए अभिलंब एक हफ्ते के भीतर जांच आख्या मांगी गई है। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों का विवरण भी उल्लेख करें जिससे उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जा सके ताकि भविष्य में किसी भी अधिकारियों अथवा कर्मचारियों द्वारा इस प्रकार का कार्य न किया जा सके।