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Amethi News: ग्लूकोज की बोतल से प्यास बुझा रहे बंदर, देखिए ये हैं स्वास्थ्य विभाग के चुस्ती-सुस्ती भरे हाल
Amethi News: जगदीशपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बाकायदा एक बंदर पहुंचता है, ग्लूकोज की बॉटल लेकर बाहर आता है और इत्मिनान से उसे पीता है ।
Amethi News: डिप्टी सीएम बृजेश पाठक (Brijesh Pathak) के राज में मरीजों को इलाज में प्रयोग की जाने वाली ग्लूकोज से बंदर (Monkey drinking glucose)अपनी प्यास बुझा रहे है। स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते मरीजों के इलाज में प्रयोग की जाने वाली ग्लूकोज की बोतल खुले में फेकी गई है। बंदर द्वारा ग्लूकोज की बोतल पीने का वीडियो सोशल (viral video) मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो जगदीशपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बताया जा रहा है।
अमेठी में स्वास्थ्य व्यवस्था (health care) कितनी चुस्त और दुरुसत है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जहां मरीजों को ग्लूकोज से लेकर इंजेक्शन, सिरिंज और दवाएं बाहर से लानी पड़ रही, वही सरकारी औषधियों का इस्तेमाल अब जानवर कर रहे हैं। जगदीशपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बाकायदा एक बंदर पहुंचता है। ग्लूकोज की बॉटल लेकर बाहर आता है और इत्मिनान से उसे पीकर खुद को ताकत पहुंचाता है। इस ग्लूकोज से बंदर कितना स्वस्थ्य हुआ इसे तो शायद ही कोई बता पाए लेकिन यह तय हो गया है कि स्वास्थ्य विभाग बीमार अवश्य है।
डॉक्टर मरीजों को बाहर से दवाएं लिख रहे
यह हीलाहवाली की हालत जिले में तब है जब ठीक दो दिन पहले वाराणसी से औचक निरीक्षण कर डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक जगदीशपुर से होकर ही लखनऊ के लिए गुजरे हैं। जगदीशपुर सीएचसी भी सड़क पर ही है। ऐसे में चेकिंग हो जाती तो शायद इस प्रकार की लापरवाही की पोल दो दिन पूर्व ही खुल जाती। बता दें कि अभी पखवारे भर पहले ही मुसाफिरखाना और अमेठी सीएचसी पर यह मामला सामने आया था कि डॉक्टर मरीजों को बाहर से दवाएं लिख रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है जब जानवर के लिए दवाएं उपलब्ध हैं तो इंसानों के लिए क्यों नहीं।