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DPRO Bribe Case: डीपीआरओ के समर्थन में उतरे लोग, सोशल मीडिया पर जांच की मांग

श्रेया मिश्रा के पक्ष में उच्च स्तरीय जांच कर भ्रष्ट सफाई कर्मी को बर्खास्त करने की मांग

Surya Bhan Dwivedi
Written By Surya Bhan DwivediPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 22 Jun 2021 9:19 AM GMT
DPRO Bribe Case:  डीपीआरओ के समर्थन में उतरे लोग, सोशल मीडिया पर जांच की मांग
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Amethi News: डीपीआरओ रिश्वत प्रकरण को लेकर लोगों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। ज्ञापन, धरना प्रदर्शन, सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से लोग श्रेया मिश्रा के पक्ष के लामबंद हो कर उच्च स्तरीय जांच कर भ्रष्ट सफाई कर्मी को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार डीपीआरओ के समर्थन में उतर आए हैं। भाकियू नेताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को देकर डीपीआरओ को साजिश के तहत फंसाए जाने का आरोप लगाया है। साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई कराते हुए डीपीआरओ को दोष मुक्त कराने की मांग भी की है। विजिलेंस टीम द्वारा डीपीआरओ श्रेया मिश्रा को ट्रैप करने के बाद से कई सरकारी संगठनों के साथ ही स्वयं सेवी संगठन व आम लोग डीपीआरओ के समर्थन में लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।

प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने का सिलसिला जारी

बता दें कि ट्रैप होने के दूसरे ही दिन जहां कई कर्मचारी संगठनों ने साजिश के तहत फंसाने की बात कहते हुए जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया था वहीं प्रति दिन कोई न कोई संगठन मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दे रहा है। यही नहीं सोशल मीडिया से लेकर ट्वीटर तक पर डीपीआरओ के समर्थन में पोस्ट किए जा रहे हैं। हर कोई सीएम व पीएम को ट्वीट कर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराते हुए उन्हें दोष मुक्त करने तथा साजिश में शामिल लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

किसान यूनियन ने दिया ज्ञापन

सोमवार को भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष शिव कुमार पांडेय की अगुवाई में संगठन पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को दिया। ज्ञापन में इन लोगों ने मुख्यमंत्री से डीपीआरओ को ईमानदार छवि का अफसर होने की बात कहते हुए आरोप लगाने वाले कर्मी का काला चिट्ठा उजागर किया है। कहा है कि उक्त कर्मी पर कई गंभीर अपराध के केस दर्ज हैं। ऐसी स्थिति में शासन को उसे बर्खास्त कर देना चाहिए। इन लोगों ने सीएम से पूरे प्रकरण की जांच कराकर डीपीआरओ को दोष मुक्त करते हुए साजिश कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई कराने की मांग की है।

वहीं बता दें कि जिला पंचायत राज अधिकारी के कथित घूसकांड को लेकर लोग डीपीआरओ के समर्थन में उतर आए हैं। लोगों ने उन्हें निर्दोष बताते हुए साजिशन फंसाए जाने का आरोप लगाया है। जनप्रतिनिधियों के साथ ही आम लोगों ने भी इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर उबाल मार रहा लोगों का गुस्सा

लोगों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर उन्हें लोकप्रिय और मिलनसार अधिकारी बताया है। लोगों ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से गहरी नाराजगी जताते हुए डीपीआरओ को किसी साजिश के तहत फसाने का आरोप लगाया है। जयंत मिश्र ने इंटरनेट मीडिया पर लिखा है कि डीपीआरओ श्रेया मिश्रा मामले में किसी बड़ी साजिश की बू आ रही है। सुश्री मिश्रा एक लोकप्रिय और मिलन सार अधिकारी के रूप में अपनी छवि बनाई थी। जो कुछ अधिकारियों को खटक रहा था। ग्राम रोजगार सेवक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष श्रीकांत त्रिपाठी ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट करते हुए डीपीआरओ को निर्दोष बताया है। लिखा है कि श्रेया मिश्रा पूरी तरह पारदर्शी व्यक्तित्व की महिला अधिकारी हैं। इन्हें षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है,क् योंकि अपनी साफ सुथरी छवि की वजह से कई अधिकारियों की आंखों में खटकने लगी थीं।

अमेठी ब्लाक के ककवा के पूर्व प्रधान गोरख नाथ तिवारी ने भी कुछ इसी तरह पोस्ट करते हुए लिखा है कि श्रेया मिश्रा निर्दोष हैं। वे साफ सुथरी छवि के चलते उच्च अधिकारियों की आंख में चुभने लगी थीं। सुधीर पांडेय, विवेक तिवारी ने भी डीपीआरओ के समर्थन में पोस्ट करते हुए उन्हें निर्दोष बताया और निष्पक्ष जांच की मांग की है। कवि वा समाज सेवी अजय पांडेय, अनिरुद्ध मिश्रा ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से डीपीआरओ के समर्थन में आगे आए और उनके साथ साजिश होने की बात कही है। कुछ इसी प्रकार अवधेश द्विवेदी सहित जिले भर से सैकड़ों लोग इंटरनेट मीडिया के माध्यम से डीपीआरओ के समर्थन में सामने आए हैं।

ब्राह्मण स्वाभिमान एकता मंच ने दिया अल्टीमेटम

ब्राह्मण स्वाभिमान एकता मंच के अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने भी अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि सरकार को श्रेया मिश्रा प्रकरण की न्यायिक जांच करा कर सच का खुलासा कर लोगों का विश्वास कायम रखना चाहिए। यदि समय रहते उचित कार्यवाही न हुई तो हम लोग सड़क पर न्याय के लिए उतरने को मजबूर होंगे।

Pallavi Srivastava

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