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Amethi का संजय गांधी अस्पताल नहीं होगा बंद, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार के आदेश पर लगाई रोक
Allahabad High Court News: अमेठी का संजय गांधी अस्पताल बंद नहीं होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है।
Allahabad High Court News: अमेठी जिला स्थित संजय गांधी अस्पताल (Sanjay Gandhi Hospital, Amethi) बंद करने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने रोक लगा दी। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बुधवार (04 अक्टूबर) को मामले की सुनवाई करते हुए अस्पताल को खोलने के आदेश दिए हैं।
दरअसल, इस अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उसे बंद करने का आदेश डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने दिया था। इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर फैसला आया है।
क्या है मामला?
अमेठी जिले के मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में 14 सितंबर, 2023 को राम शाहपुर निवासी एक विवाहिता के पथरी का ऑपरेशन हुआ था। अस्पताल में एनेस्थीसिया देने में लापरवाही बरती गई। जिस वजह से विवाहिता की हालत बिगड़ गई। बाद में उसे लखनऊ ले जाया गया। यहां उसकी मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने तहरीर दी। जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच कराई। जांच में लापरवाही मिलने पर अस्पताल के लाइसेंस सस्पेंड कर यहां सभी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
वरुण गांधी ने भी जताई आपत्ति
आपको बता दें, अमेठी स्थित ये अस्पताल संजय गांधी फाउंडेशन (Sanjay Gandhi Foundation) से संचालित होता है। अस्पताल की सभी सेवाओं पर प्रतिबंध लगाए जाने का बीजेपी सांसद वरुण गांधी (BJP MP Varun Gandhi) ने भी विरोध किया था।
सस्पेंड किया गया था लाइसेंस
ये मामला तूल पकड़ते ही स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने मामले की जांच कराई। खामी सामने आते ही 17 सितंबर को एफआईआर दर्ज की गई। जिसमें अस्पताल के CEO समेत 4 कर्मियों को आरोपी बनाया गया है। एडिशनल चीफ मेडिकल ऑफिसर की अगुवाई में 3 सदस्यीय समिति का गठन भी हुआ। खामी मिलने पर अस्पताल प्रशासन को कारण बताओ नोटिस (Show cause notice) जारी किया गया। इसके 24 घंटे के भीतर ही अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था।
स्वास्थ्य टीम को क्या मिली खामियां?
शाहजहांपुर की मरीज की मौत के बाद CMO की ओर से गठित टीम में ACMO डॉ. राम प्रसाद (Dr. Ram Prasad), डिप्टी सीएमओ डॉ. पीके उपाध्याय (Deputy CMO Dr. PK Upadhyay) और जिला अस्पताल के एनेस्थेटिस्ट डॉ. अभय गोयल (Dr. Abhay Goel) को शामिल किया गया था। जिसमें बताया गया कि एनेस्थीसिया के बाद हालत बिगड़ने के 80 मिनट बाद तक मरीज को आईसीयू में भर्ती किया गया था। इस समय अंतराल के बीच उसे कोई उपचार नहीं मिला।
टीम ने फिजीशियन डॉ. शुभम के बयान को इसका आधार माना था। डॉ. शुभम ने दोपहर 2:30 बजे मरीज का इलाज शुरू किया गया था। इस बीच मरीज को हार्ट अटैक आया था। जिसके तकरीबन 12 घंटे बाद 16 सितंबर,2023 को उसे लखनऊ के मेदांता के लिए रेफर किया गया। रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट/एमडी मेडिसिन की व्यवस्था नहीं थी।