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स्मृति को देख ऐसा कहा! मार दूंगा या मर जाऊंगा, जानें कौन है ये शख्स

यूपी पुलिस केवल सड़क पर ही लोगों की आवाज कुचलने का काम नहीं कर रही बल्कि पुलिस अब सरकार के मंत्री के सामने भी वर्दी का रोब दिखा कर खामोश रहने के लिए आंखें फाड़ रही है।

Shreya
Published on: 6 Jan 2020 8:35 AM GMT
स्मृति को देख ऐसा कहा! मार दूंगा या मर जाऊंगा, जानें कौन है ये शख्स
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स्मृति को देख ऐसा कहा! मार दूंगा या मर जाऊंगा, जानें कौन है ये शख्स

असगर

अमेठी: यूपी पुलिस केवल सड़क पर ही लोगों की आवाज कुचलने का काम नहीं कर रही बल्कि पुलिस अब सरकार के मंत्री के सामने भी वर्दी का रोब दिखा कर खामोश रहने के लिए आंखें फाड़ रही है। ताजा मामला सोमवार को तब देखने को मिला जब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुंची। मंत्री जब गौरीगंज के कार्यक्रम में शामिल हुई तो यहां एक पिता स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से मरे अपने बच्चे की मौत की शिकायत करने पहुंचा था। जिसे पहले सिक्योरिटी में लगे दरोगा ने चुप कराने का प्रयास किया।

पीड़ित का आरोप लड़के को जहर का इंजेक्शन देकर डाक्टर ने मारा

हालांकि मंत्री ने दरोगा को चुप रहने को और बूढ़े पिता को अपनी बात कहने की बात कही। इस पर बूढ़े पिता ने कहा आप सांसद नहीं थीं तब भी हमने आपको एप्लीकेशन दिया था। मेरे बेटे को विष का इंजेक्शन देकर मार डाला। इसके बाद बूढ़ा पिता रोने लगा और कहा अगर मुझे न्याय नही मिला तो मैं उस डाक्टर को काट दूंगा। पिता ने मृत्यु दंड की भी मांग की है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर मृत्यु दंड नहीं मिला तो या मैं मार दूंगा या मर जाऊंगा। हमको चाहे जो धारा लगे परवाह नहीं।

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इसके बाद स्मृति ईरानी ने पूछा कि एफआईआर दर्ज करवाए थे। तो जवाब में पीड़ित पिता ने कहा कि सब आप जानती हैं। इसके पहले जो सरकार और जो सांसद थे कहीं सुनी नहीं गई। आप हैं, चाहे न्याय मिले चाहे न मिले। अब हम जा रहे, ये कहकर पीड़ित पिता मुड़ गया, जिस पर स्मृति ने कहा दादा एक मिनट रुको तो। फिर पीड़ित से एप्लीकेशन लेकर स्मृति ने एसपी डा. ख्याति गर्ग को एप्लीकेशन देकर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए दिया।

2017-18 का है मामला, आजतक नहीं दर्ज हुई FIR

मूल रुप से गौरीगंज कोतवाली के धरवटियापुर निवासी पीड़ित राम मिलन मिश्र ने बताया कि मेरे लड़के को रैबीज का इंजेक्शन दिया। लापरवाही के चलते पूरा ट्रीटमेंट नहीं दिया। चार इंजेक्शन लगाया और कह रहे एक भी नहीं लगा फिर कह रहे दो लगा जबकि हमारे पास 4 का प्रमाण है। हमारे लड़के को विष का इंजेक्शन देकर मार डाला, पीड़ित ने ये आरोप सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी लक्ष्मीकांत साहू पर लगाया है। पीड़ित ने कहा मामला जुलाई 2017 का है, और मार्च 2018 में हमारे बेटे की मौत हो गई। उस वक़्त हमारा सांसद नही था तो थाने पर भी हमारी नही सुनी गई अब हमारा सांसद है।

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