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Amethi News: देश की पीएम इंदिरा गांधी ने रखी थी संजय गांधी अस्पताल की आधार शिला, चार दशक बाद ठप हो गई सेवाएं

Amethi News: तीन सौ पच्चास बेड वाले इस अस्पताल में प्रतिदिन 500 से अधिक मरीजों की ओपीडी होती थी। इसके अलावा 200 मरीज के आस इमरजेंसी में इलाज के लिए आते थे।

Surya Bhan Dwivedi
Published on: 25 Sept 2023 7:20 PM IST
Sanjay Gandhi Hospital license suspended
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Sanjay Gandhi Hospital license suspended (Photo-Social Media)

Amethi News: संजय गांधी अस्पताल के खिलाफ हुई कार्यवाही को लेकर जहां सीएमओ ऑफिस के सामने सत्याग्रह आंदोलन चल रहा है। वही अस्पताल में आने वाले मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। तीन सौ पच्चास बेड वाले इस अस्पताल में प्रतिदिन 500 से अधिक मरीजों की ओपीडी होती थी। इसके अलावा 200 मरीज के आस इमरजेंसी में इलाज के लिए आते थे। अब अस्पताल बंद होने लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई है।

आपको बताते चले कि 1982 में संजय गांधी अस्पताल मुंशीगंज की आधारशिला तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी थी। उस समय उन्होंने कहा था कि अस्पताल में सिर्फ मरीजों का इलाज नहीं होगा बल्कि इलाज की पढ़ाई भी होगी।चार दशक बाद वहां इलाज की पढ़ाई तो नही शुरू हो पाई।जो इलाज लोगों का चल रहा था वह भी बंद हो गया।अस्पताल बंद होने की वजह ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों की कथित लापरवाही से एक महिला मरीज की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल गेट पर शव रख कर प्रदर्शन किया। जिसके बाद प्रशासन ने अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया। अस्पताल के गांधी परिवार से जुड़े होने के कारण यह मसला राजनीतिक नजरिए से भी गरमा गया है।

नामी अस्पतालों में शुमार रहा संजय गांधी अस्पताल

350 बेड के इस अस्पताल की ‘ग्रामीण क्षेत्र के बड़े अस्पतालों’ में गिनती होती है। अमेठी के तत्कालीन सांसद संजय गांधी के जून 1980 में निधन के बाद संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट को उत्तर प्रदेश सरकार ने अस्पताल वा मेडिकल कॉलेज संचालित करने के लिए 40 एकड़ जमीन लीज पर दी थी।

साल 1982 में अस्पताल भवन का निर्माण शुरू हो चुका था। सात वर्ष में अक्टूबर 1989 में अस्पताल में इलाज शुरू हुआ।वर्ष 2005 में अस्पताल परिसर में 99 बेड की इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय की एक अलग यूनिट प्रारम्भ हुई। 2007 में इंदिरा गांधी कॉलेज ऑफ नर्सिंग की शुरुआत जी.एन. एम. डिप्लोमा कोर्स के साथ हुई। वर्ष 2015 में ए. एन. एम.,2016 में बी.एस. सी. नर्सिंग और 2020 से पी.वी. बी.एस. सी. कोर्स की शुरुआत ने युवतियों के लिए रोजगार के नए अवसर खोले। छह माह का बेबी केयर नर्सिंग कोर्स भी संचालित किया जा रहा है.।नर्सिंग कॉलेज से प्रतिवर्ष प्रशिक्षित 170 नर्सेज का उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के साथ ही जयपुर, दिल्ली, गुड़गांव सहित अन्य स्थानों के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में चयन सुनिश्चित कराया जाता है।

दो दशक पूर्व हुई थी पैरामेडिकल कॉलेज की स्थापना

2012 में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल की स्थापना हुई। इसमें शुरुआत में ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन, फिजियोथेरेपी और फिर ऑप्टोमेट्री, डायलिसिस एवं सिटी स्कैन के डिप्लोमा कोर्स शुरू हुए।संस्थान से विभिन्न कोर्सेस में प्रशिक्षित 100 छात्रों का प्रदेश-देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में चयन सुनिश्चित किया जाता है।

मेडिकल कॉलेज का सपना अधर में लटका

वर्ष 2007 में उत्तर प्रदेश में बहुजन समाजवादी पार्टी की सरकार के समय प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज को राज्य सरकार की अनापत्ति हासिल हुई।लेकिन इसके साथ जमीन की लीज के नवीनीकरण की शर्त जुड़ी थी।अखिलेश यादव की सरकार के समय में लीज का नवीनीकरण तो हो गया। लेकिन अनापत्ति की नई कोशिश तक भाजपा की सरकार आ गई। इस कोशिश से जुड़े सूत्र कहते हैं कि भाजपा सरकार ने राजनीतिक कारणों से अनापत्ति प्रमाणपत्र रोक दिया।दूसरी तरफ भाजपा के स्थानीय नेताओं का आरोप है कि सोनिया और खासतौर पर राहुल गांधी ने मेडिकल कॉलेज की स्थापना में कोई रुचि नहीं दिखाई।

अस्पताल का विवादों से है पुराना रिश्ता

संजय गांधी अस्पताल का विवाद पुराना है। वर्ष 2014 से अमेठी में स्मृति ईरानी सक्रिय हुईं। इस चुनाव में वे भले राहुल से हार गईं।केंद्रीय मंत्री के तौर पर उन्होंने तत्कालीन सांसद राहुल गांधी के मुकाबले अमेठी के ज्यादा दौरे किए।2019 में उन्हें जीत मिली। इस बीच कई मौकों पर संजय गांधी अस्पताल परिसर में बने अतिथि गृह के राहुल और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा इस्तेमाल पर भी बार-बार सवाल उठे। सोनिया और राहुल के अमेठी के सांसद रहते यह अतिथिगृह उनके ठहराव के साथ ही जनसंपर्क का केंद्र भी रहा।यहीं से उनके चुनावों का संचालन भी हुआ।



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Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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