×

Amethi News: अमेठी में स्मृति ईरानी रचेंगी इतिहास या चुनाव हार कर रह जाएंगी स्मृति

Amethi News: इस बार स्मृति ईरानी अमेठी से जीत दर्ज करती है तो अमेठी के इतिहास में पहली बार होगा कि गैर कांग्रेसी उम्मीदवार दूसरी बार जीत दर्ज करेगा। सबकी निगाहे टिकी है कि स्मृति ईरानी इस बार....

Poonam
Report Poonam
Published on: 3 Jun 2024 10:16 PM IST (Updated on: 30 Jun 2024 9:04 AM IST)
Smriti Irani
X

 Smriti Irani (Pic:Social Media)

Amethi News: लोक सभा चुनाव 2024 का परिणाम आने में महज कुछ घंटे ही शेष है। यूपी की हॉट सीट में शुमार अमेठी सीट पर इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। साल 2019 के चुनाव में बीजेपी की स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के राहुल गांधी को 55120 मतों से चुनाव हरा कर कांग्रेस के गढ़ को ढहा दिया था। इस बार स्मृति ईरानी अमेठी से जीत दर्ज करती है तो अमेठी के इतिहास में पहली बार होगा की गैर कांग्रेसी उम्मीदवार दूसरी बार जीत दर्ज करेगा। सबकी निगाहे टिकी है कि स्मृति ईरानी इस बार अपनी जीत दर्ज कर अमेठी की राजनीति में इतिहास बनाएगी या चुनाव हार कर अमेठी के लिए स्मृति हो जायेगी।

यूपी की हॉट सीटों में सुंदर अमेठी से इस बार लोकसभा चुनाव में वैसे तो 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। लेकिन मुख्य मुकाबले में बीजेपी और कांग्रेस ही दिखाई पड़ रही है। साल 2019 में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55120 मतों से चुनाव हराकर कांग्रेस के किले को ढहा दिया था। इस बार देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी की स्मृति ईरानी चुनाव जीत कर दोबारा कमल खिलाने में कामयाब होती हैं या कांग्रेस प्रत्याशी के केएल शर्मा स्मृति ईरानी को चुनाव हराकर राहुल गांधी की जीत का बदला लेने में कामयाब होंगे। विगत चुनाव परिणाम पर गौर करें तो 5 दशक में कभी भी कोई पार्टी का प्रत्याशी दो बार चुनाव नहीं जीत पाया है। इस बार स्मृति ईरानी चुनाव जीत जाती है तो सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे और अमेठी की राजनीति में स्मृति ईरानी के नाम नया रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा।

तीन बार ही जीते गैर कांग्रेसी उम्मीदवार

विगत चुनाव परिणामों पर गैर करें तो अमेठी लोकसभा सीट पर महज तीन चुनावों में ही दूसरे दलों को सफलता मिल पाई है। साल 1967 से साल 2014 तक कांग्रेस का दबदबा चला आ रहा था। इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी की लहर का असर इस सीट पर भी दिखाई पड़ा था। जनता पार्टी के रवी्ंद्र प्रताप सिंह ने यहां से जीत दर्ज किया था। इस चुनाव में पूर्व पीएम के बेटे स्व. संजय गांधी चुनाव हार गए थे। इस सीट पर पहली बार 1998 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर खाता खोला। संजय सिंह ने इस सीट पर सफलता हासिल की थी। बीजेपी के संजय सिंह कैप्टन शर्मा को चुनाव हरा दिए थे। 21 साल बाद 2019 में स्मृति ईरानी ने दोबारा इस सीट को जीतने में कामयाबी हासिल की।

स्मृति की राह में रोड़ा बने केएल शर्मा

स्मृति ईरानी ने लोकसभा चुनाव 2019 में 55,120 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी को 4,68,514 वोट मिले थे। वहीं राहुल गांधी 4,13,394 वोट हासिल कर पाए थे। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राहुल गांधी ने 1,07,903 वोटों से जीत दर्ज की थी। राहुल गांधी को इस चुनाव में 4,08,651 तो भाजपा की स्मृति ईरानी को 3,00,748 वोट मिले थे। बसपा के धर्मेंद्र प्रताप सिंह 57,716 और आम आदमी पार्टी के डॉ. कुमार विश्वास 25,527 वोट हासिल कर पाए थे।

स्मृति ईरानी जीती तो रचेंगी अनोखा इतिहास

पिछले दो चुनावों के परिणाम से साफ है कि यहां मुकाबला दो तरफा होता रहा है। तीसरी पार्टी के मैदान में आने का भी कोई असर नहीं होता। ऐसे में कांग्रेस के केएल शर्मा मुकाबले को रोचक बना दिए है। इस चुनाव में बीएसपी के नन्हे सिंह चौहान मुख्य मुकाबले से काफी दूर है। कांग्रेस के के एल शर्मा स्मृति ईरानी की राह में रोड़ा बनने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, रिजल्ट अगर भाजपा के पक्ष में आया तो इतिहास बनना तय है।

Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

Next Story