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Lucknow News: वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर अनीस मंसूरी ने सरकार को दी चेतावनी: पसमांदा मुसलमानों के साथ धोखा बर्दाश्त नहीं: मंसूरी

पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने वक्फ संशोधन विधेयक को मुसलमानों की संपत्तियों पर सरकारी कब्जे की साजिश करार देते हुए इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है।

Virat Sharma
Published on: 4 March 2025 9:01 PM IST
Lucknow News
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Lucknow News: Photo-Social Media

Lucknow News: पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने वक्फ संशोधन विधेयक को मुसलमानों की संपत्तियों पर सरकारी कब्जे की साजिश करार देते हुए इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है। मंसूरी ने कहा कि यदि सरकार ने यह विधेयक जबरन लागू करने की कोशिश की, तो पसमांदा मुसलमान इसके खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ने के लिए मजबूर होंगे।

अनीस मंसूरी ने इस विधेयक पर गंभीर आपत्ति जताते हुए कहा वक्फ संपत्तियां गरीब मुसलमानों की भलाई के लिए हैं। यह हमारे बुजुर्गों की दी गई अमानत है, जिस पर किसी भी सरकार का अधिकार नहीं हो सकता। लेकिन अब सरकार इन संपत्तियों को अपने नियंत्रण में लेने की योजना बना रही है। हम इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।

वक्फ संपत्तियां सबसे अधिक हमारे समाज की भलाई के लिए है: मंसूरी

अनीस मंसूरी ने कहा कि वक्फ संपत्तियों की कीमत लाखों करोड़ों रुपये में है, और अब सरकार इन संपत्तियों पर अपना नियंत्रण स्थापित करना चाहती है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह कानून बना तो धीरे-धीरे गरीब मुसलमानों के लिए छोड़ी गई संपत्तियां सरकार के हाथों में चली जाएंगी, और वे उनका मनमाना इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने कहा पहले हमारी शिक्षा छीनी गई, हमारे रोजगार खत्म किए गए, और अब हमारी संपत्तियों पर भी कब्जा करने की साजिश हो रही है। पसमांदा मुसलमानों को इसका सबसे बड़ा नुकसान होगा, क्योंकि वक्फ संपत्तियां सबसे अधिक हमारे समाज की भलाई के लिए है।

गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना नहीं बर्दाश्त

पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने इस विधेयक के उस प्रावधान पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि यह फैसला धार्मिक मामलों में सरकारी हस्तक्षेप की सबसे बड़ी मिसाल होगी और इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

न्याय से वंचित करने की साजिश

अनीस मंसूरी ने इस विधेयक के उस प्रावधान को भी खतरनाक बताया, जिसमें वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों को अदालत में चुनौती देने का अधिकार सीमित कर दिया गया है। नए विधेयक के मुताबिक, अब वक्फ संपत्तियों के विवादों को केवल वक्फ ट्रिब्यूनल में ही सुना जाएगा। जो पूरी तरह सरकारी हस्तक्षेप में होगा। अनीस मंसूरी ने कहा कि सरकार पहले हमारी संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है, फिर यह सुनिश्चित करना चाहती है कि हम इसके खिलाफ न्याय भी न मांग सकें। यह मुसलमानों को कानूनी रूप से कमजोर करने की साजिश है।

अगर विधेयक वापस नहीं हुआ तो सड़क पर उतरेंगे

अनीस मंसूरी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि यह विधेयक वापस नहीं लिया गया, तो पसमांदा मुस्लिम समाज देशभर में आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही पसमांदा मुसलमानों के लिए किसी भी ठोस योजना पर काम नहीं किया है। और अब उनकी संपत्तियों पर ही कब्जा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा हम शांति और लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं, लेकिन अगर हमारी संपत्तियों को छीनने की कोशिश हुई, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। सरकार को इस विधेयक को तुरंत वापस लेना चाहिए। अनीस मंसूरी ने कहा कि अगर सरकार वक्फ संपत्तियों को बचाने के लिए कोई ठोस आश्वासन नहीं देती, तो जल्द ही देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू होगा।

Virat Sharma

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Lucknow Reporter

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