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गोंडा: इस बात पर भड़का संत समाज, दी आंदोलन की चेतावनी
संत समाज ने दी आंदोलन की चेतावनी, जिला प्रशासन, पुलिस और रेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर जताया नाराजगी
गोंडा: हिन्दू हितों के रक्षा का दावा करने वाली भाजपा सरकार में संत महात्मा उपेक्षित हैं। मन्दिर के महंत को जान से मारने की धमकी दी जा रही है, लेकिन प्रशासन और पुलिस द्वारा उनकी सुनवाई नहीं की जा रही है। इससे नाराज संतों ने बैठक कर प्रशासन, पुलिस और रेलवे प्रशासन द्वारा की जा रही उपेक्षा के प्रति आक्रोश जाहिर करते हुए आन्दोलन की चेतावनी दी है।
महंत छोटे बाबा के नेतृत्व में हुई बैठक
प्रशासन द्वारा सुरक्षा के प्रति बरती जा रही लापरवाही को लेकर शुक्रवार को धानेपुर क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध सोनबरसा पोखरा के महंत छोटे बाबा के नेतृत्व में दर्जनों संतों की मौजूदगी में संत समाज की बैठक हुई, जिसमें विभिन्न मामलों पर चर्चा के दौरान जिला प्रशासन, पुलिस अफसरों तथा रेलवे प्रशासन पर जगद्गुरु शंकराचार्य की उपेक्षा का आरोप लगाया गया। इसके साथ ही आंदोलन की भी चेतावनी दी गयी।
मिल रही जान से मारने की धमकी
सोनबरसा पोखरा के महंत छोटे बाबा ने बताया कि कुछ धर्म द्रोहियों द्वारा सोशल मीडिया पर अमर्यादित पोस्ट करने के साथ ही उन्हें जान से मारने तक की धमकी दी जा रही है। इसकी शिकायत उन्होंने जिले के एसपी संतोष कुमार मिश्रा से मिलकर की और मोबाइल नंबर भी दिया। लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई और उन्हें निरन्तर धमकियां मिल रही हैं। महंत छोटे बाबा ने कहा कि इससे यह साबित होता है कि जिले की पुलिस और उनके अफसरों द्वारा सन्त समाज की सुरक्षा के प्रति घोर शिथिलता बरती जा रही है।
जगद्गुरु शंकराचार्य पीठ की उपेक्षा का आरोप
महंत छोटे बाबा ने रेलवे प्रशासन को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि रेलवे ने जगद्गुरु शंकराचार्य जी के प्रसिद्ध पीठ की उपेक्षा करने का दुस्साहस किया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विगत दिनों पुरी मठ के पीठाधीश्वर स्वामी निश्चला नन्द जी रेल मार्ग से गोंडा पधारे थे। उनके स्वागत एवं अगुवानी के लिए संत समाज गोंडा रेलवे स्टेशन पहुंचा।
उन्होंने बताया की स्वामीजी वयोवृद्ध हैं, इसलिए उन्हें ट्राईसाइकिल के माध्यम से आवागमन करना पड़ता है। उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए सन्त समाज की तरफ से लाया गया वाहन रेलवे प्रशासन द्वारा हटवा दिया गया था। उसके बाद उन्हें दूसरे रास्ते से वाहन तक ले जाया गया। एक अंतरराष्ट्रीय सर्वमान्य सन्त का गोंडा की धरती पर इस प्रकार की गयी उपेक्षा पूरे सन्त समाज सहित हिन्दू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए असहनीय है।
संत समाज ने कहा प्रशासन बदले अपना रवैया
महंत छोटे बाबा ने कहा कि जिले के नेताओं को ही अपना भगवान मानने वाले प्रशासनिक अधिकारियों को सन्त समाज की तरफ से खुली चेतावनी है कि यदि सन्त और सन्त आश्रमों के प्रति प्रशासन ने अपना रवैया नहीं बदला, तो पूरे सन्त समाज एवं हिन्दू धर्म में आस्थावान लोगों के साथ आंदोलन किया जाएगा।