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छोटे किसानों को सालाना 6000 रुपए देने का ऐलान, जानें पूरा माजरा!
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट भाषण में ऐलान किया कि दो हेक्टेयर तक की जमीन वाले किसानों को 6000 रुपए सालाना की मदद मिलेगी। ये राशि साल में तीन बार 2000 की किस्तों में दी जाएगी। यह पैसा सीधे किसानों के खाते में जाएगा।
नई दिल्ली: केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 2019 के चुनावी रण में उतरने से पहले देश भर में फैले किसानों का समर्थन हासिल करने के लिए बड़ा चुनावी दांव चला है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट भाषण में ऐलान किया कि दो हेक्टेयर तक की जमीन वाले किसानों को 6000 रुपए सालाना की मदद मिलेगी। ये राशि साल में तीन बार 2000 की किस्तों में दी जाएगी। यह पैसा सीधे किसानों के खाते में जाएगा। सरकार के इस ऐलान से देश के 12 करोड़ से अधिक किसानों को फायदा होगा।
माना जा रहा कर्जमाफी का जवाब
माना जा रहा है कि कांग्रेस को जवाब देने के लिए मोदी सरकार की ओर से यह बड़ा ऐलान किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेता मोदी सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाते रहे हैं। राहुल ने तो कई बार आरोप लगाया है कि सरकार उद्योगपतियों की मदद कर रही है और किसानों की अनदेखी। इसे तीन हिन्दीभाषी राज्यों में हाल में बनी कांग्रेस सरकारों द्वारा की गयी किसानों की कर्जमाफी का भी जवाब माना जा रहा है।
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वित्तमंत्री ने बताया कि छोटे और सीमान्त किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि शुरू की जा रही है। इस योजना के तहत ही छोटे किसानों को यह मदद दी जाएगी। किसानों को आर्थिक मदद पहुंचाने वाली यह योजना एक दिसंबर 2018 से लागू की जाएगी। गोयल ने कहा कि जल्दी ही पहली किस्त किसानों के अकाउंट में आ जाएगी। इस ऐलान से सरकारी खजाने पर 75 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
पशुपालन-मत्स्य पालन के कर्ज में दो प्रतिशत की छूट
वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने देश को मजबूत सरकार दी है। हमने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि फसल से आय को दोगुना करते हुए इतिहास में पहली बार सभी 22 फसलों की लागत का कम से कम 50 फीसदी अधिक निर्धारित किया गया। गाय को भी बजट में विशेष तवज्जो दी गई है। वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय कामधेनु योजना का भी ऐलान किया। इसके साथ ही सरकार ने पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कर्ज में 2 प्रतिशत की छूट देने का ऐलान किया है। गोयल ने कहा कि पशुपालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज मिलेगा।
कई राज्यों में पहले से चल रही योजना
किसानों को मदद पहुंचाने की योजना देश के कुछ राज्यों में पहले से चल रही है। तेलंगाना में के.चंद्रशेखर राव की बंपर जीत में इस योजना की बड़ी भूमिका मानी जाती है। राव सरकार रायतु बंधु योजना के तहत कृषि में निवेश-खाद, बीज, कीटनाशक इत्यादि के समर्थन के लिए किसानों को 4000 रुपये प्रति एकड़ प्रति सीजन देती है। झारखंड और ओडिशा में भी इससे मिलती-जुलती योजनाएं चल रही हैं।
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ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने कालिया योजना शुरू की है जिसके तहत लघु एवं सीमांत किसानों को 10,000 रुपये मिलते हैं। झारखंड सरकार इस वित्त वर्ष से राज्य के 23 लाख मध्यम और सीमांत किसानों को प्रति माह 5000 रुपये प्रति एकड़ देने जा रही है। पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में खेतिहर मजदूरों और किसानों के लिए दो योजनाओं की घोषणा की है जिसमें किसानों को दो किस्तों में 5000 रुपये प्रति एकड़ भुगतान की बात कही है। माना जा रहा है कि चुनाव में किसानों के वोटों की जुगत में लगी मोदी सरकार ने इन योजनाओं को देखते हुए पूरे देश में इस योजना को लागू करने का चुनावी दांव चला है।
एक तीर से दो निशाने
जानकारों का मानना है कि किसानों के लिए यह बड़ा ऐलान करके मोदी सरकार ने एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश की है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में ऐलान किया था कि केन्द्र में सरकार बनने पर देश के गरीबों को न्यूनतम आमदनी सुनिश्चित करने के लिए योजना लाई जाएगी। मोदी सरकार ने किसानों की बड़ी आबादी को एक निश्चित राशि देने का वादा करते हुए किसानों की अनदेखी और यूनिवर्सल बेसिक इनकम दोनों का जवाब देने की कोशिश की है।
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