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बसंत के साथ ही शांत हो गया भूले भटकों का एलाउंसमेंट

जिसके बाद परिजनों ने राहत की सांस ली और वह भी घर को रवाना हो गए। आखिरकार कुंभ मेले में बने प्रशासनिक भूले भटके शिविर में एनाउंसमेंट बंद होने का मामला चर्चा का विषय बना रहा।

Shivakant Shukla
Published on: 11 Feb 2019 10:16 PM IST
बसंत के साथ ही शांत हो गया भूले भटकों का एलाउंसमेंट
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आशीष पाण्डेय,

कुंभ नगर: मंकर संक्राति के शाही स्नान के साथ दिव्य कुंभ भव्य कुंभ को सुरक्षित कुंभ बनाने के लिए शासन द्वारा मेला क्षेत्र में

प्रशासनिक भूले भटके शिविर की स्थापना की गई थी। जिससे मेले में अपने परिजनों से बिछड़ने पर श्रद्धालुओं को उन्हें ढूंढने में सुविधा होती थी लेकिन वसंत पंचमी को यह सुविधा ठप कर दी गई।

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जिससे रविवार से वहां श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा हालांकि कुछ लोग उसी शिविर में अपने परिजनों से मिले भी। मामले में एक रोचक वाकया यह है कि मोतिहारी बिहार के नन्द किशोर उर्फ रामबाबू 60 संगम स्नान करने आए थे वह परिजनों से रविवार को बिछड़ गए काफी खोजबीन की गई लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली।

रविवार को सुबह से सोमवार की दोपहर तक उनके परिजनों को कोई सुराग नहीं लग सका। उनका बेटा बीएसएफ में था तो जाहिर सी बात है कि अधिकारियों में हड़कम्प भी होना था। मेले में प्रशासन की लापरवाही पर परेशान परिजनों ने बीएसएफ के नवाबगंज कम्पनी के सीओ स्वीक कुमार को सूचित किया। जिस पर वह भी पहुंच गए। कई बार डीआईजी को फोन कर सम्पर्क करने का प्रयास किया लेकिन फोन नहीं उठा जिस पर वह झुंझला उठे तभी मेले में बने सीसीटीवी मानीटरिंग रूम में तैनात एक जवान ने उन्हें समझाते हुए कहा कि अब प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है शायद ऊपर से आदेश होगा|

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क्योंकि ऐसी चर्चा है कि ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। उसने सीसीटीवी चेक कराई जिसमें आने का तो पता चला लेकिन जाने का कोई सुराग नहीं। इसके बाद जब मैं इसकी जानकारी के लिए प्रशासनिक भूले भटके शिविर में सेक्टर नम्बर 4 पर पहुंचा तो वहां पता चला कि वसंत पंचमी से ही आशा कम्पनी का कनेक्शन काट दिया गया है। जिससे एलाउंसमेंट नहीं हो पा रहा।

कई लोग परेशान हो रहे थे हालांकि यहीं पर उनकी मुलाकात कराई गई। सोमवार की देर शाम नन्द किशोर के परिजनों को किसी ने सूचित किया कि वह अपने घर की तरफ निकले हैं और लगभग आधे रास्ते निकल चुके हैं। जिसके बाद परिजनों ने राहत की सांस ली और वह भी घर को रवाना हो गए। आखिरकार कुंभ मेले में बने प्रशासनिक भूले भटके शिविर में एनाउंसमेंट बंद होने का मामला चर्चा का विषय बना रहा।

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Shivakant Shukla

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