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एपेक्स नर्सिंग छात्रा का वीडियो वायरल, लगा रही कॉलेज प्रशासन पर बंधक बनाने का आरोप
वाराणसी: पिछले एक महीने से एपेक्स नर्सिंग कालेज की छात्राएं कॉलेज की मान्यता नहीं होने के आरोप लगाते हुए सड़क से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक आंदोलन कर रही हैं। अभी दो दिन पहले ही सीएम के सचिव के आदेश पर कॉलेज की चेयरमैन डा एसके सिंह के खिलाफ धमकाने का मुकदमा भी दर्ज हुआ है।
इस बीच एपेक्स की नर्सिंग कॉलेज की छात्रा ममता का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें नर्सिंग की छात्रा ने कॉलेज के हास्टल में बंधक बना रखने का आरोप लगाया है। छात्रा का आरोप है कि उसे एक महीने से हॉस्टल से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। छात्रा ने ये दावा किया कि वो एपेक्स नर्सिंग कॉलेज की छात्रा है और वे इस समय हॉस्टल के कमरे में कैद है।
क्या है छात्रा का आरोप
-छात्रा ने आरोप लगाया है कि उसे एक महीने से हॉस्टल में ही बंधक बना कर रखा गया है।
-उसे कही भी आने जाने नहीं दिया जा रहा है।
-छात्रा ने ये बताया कि उसके पैरेंट के आने के बाद भी उसे हॉस्टल से जाने नहीं दिया जा रहा है।
-उसका आरोप है कि कॉलेज प्रशासन उससे जबरन तीन साल की एडवांस पूरी फीस मांग रहा है।
आगे की स्लाइड में जानिए और क्या आरोप लगा रही छात्रा
-छात्रा ने बताया कि कॉलेज प्रशासन उससे बोल रहा है कि पहले कोर्स की पूरी फीस एक साथ जमा करो, तभी घर जाने दिया जाएगा।
-यही नहीं छात्रा ने बताया कि वह नर्सिंग कॉलेज की मान्यता नहीं होने का खुलासा होने के बाद वह परीक्षा नहीं देना चाहती है।
-उसके बाद भी उसे हास्टल में कैद करके परीक्षा देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
आगे की स्लाइड में जानिए इस मामले से जुड़े अहम पहलू
-गौरतलब है कि एपेक्स नर्सिंग कॉलेज की छात्राएं नर्सिंग कालेज की मान्यता नहीं होने के आरोप लगाते हुए पिछले एक महीने से सड़क से लेकर मुख्यमंत्री तक आंदोलन कर रही हैं।
-छात्राओं की मांग है कि कॉलेज की मान्यता नहीं है, लिहाजा कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उनका पैसा वापस किया जाए।
-सात मार्च को जब छात्राओं ने पीएम के संसदीय कार्यालय पर धरना दिया तो उसके बाद आनन-फानन में कॉलेज प्रशासन ने मामले को दबाने के लिए परीक्षा की तिथी घोषित कर दी।
-जबकि छात्राओं के मुताबिक दो साल में एक भी परीक्षा नहीं कराई गई।
-इस पर उन्हें कालेज की मान्यता पर शक हुआ और उन्होंने आंदोलन शुरु किया।
-कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाली ज्यादातर छात्राएं परीक्षा दे रही हैं, लेकिन बाहर रहने वाली छात्राएं परीक्षा नहीं दे रही हैं बल्कि वे अपना पैसा वापस लेने के लिए आंदोलन कर रही हैं।