SDM, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में पड़ी अर्जी, यह है मामला

कोर्ट ने यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के वकील मुकुल मिश्रा की अर्जी पर दिया है। सीआरपीसी की धारा 156 3 के तहत अर्जी पेश कर अर्जीदाता ने एसडीएम सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करने के लिए आदेश जारी करने की मांग की है।

Harsh Pandey
Published on: 18 Nov 2019 3:36 PM GMT
SDM, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में पड़ी अर्जी, यह है मामला
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लखनऊ: प्रभारी सीजेएम सुदेश कुमार ने बंथरा इलाके में एक गांव के खेत से करोड़ों की मिट्टी का खनन करने व साथ ही हरा पेड़ काटने के कथित मामले में सरोजनी नगर के तत्कालीन एसडीएम चंदन पटेल, तहसीलदार विवेकानंद मिश्रा व नायब तहसीलदार राघवेंद्र सिंह तथा ग्राम नीवां की तत्कालीन सुपरवाइजर कानूनगो पूर्णिमा तिवारी व लेखपाल अरुण कुमार समेत 17 लोगों के खिलाफ दाखिल मुकदमे की अर्जी पर थानाध्यक्ष बंथरा से रिपोर्ट तलब किया है।

बता दें कि मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी।

कोर्ट ने यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के वकील मुकुल मिश्रा की अर्जी पर दिया है। सीआरपीसी की धारा 156 3 के तहत अर्जी पेश कर अर्जीदाता ने एसडीएम सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करने के लिए आदेश जारी करने की मांग की है। इस अर्जी में तत्कालीन जिला खनन अधिकारी, खनन निरीक्षक, कलेक्ट्रेट के खनन लिपिक, एसओ बंथरा, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर पंचम उत्तर रेलवे, लखनऊ व उन्नाव की बालाजी कान्सट्रªक्शन कम्पनी के प्रोपराइटर को भी विपक्षी पक्षकार बनाया गया है।

अर्जीकर्ता का आरोप...

अर्जीकर्ता का आरोप है कि 17 जून, 2019 की सुबह विपक्षी प्रसून शुक्ला व संजय सिंह 15-20 लोगों के साथ मेरे खेत पर आए। मेरे भाई से कहा कि मुझे राज्यमंत्री ने भेजा है। तुम लोग ग्राम समाज की भूमि पर काबिज हो।

इसलिए कब्जा छोड़ दो। जब उसने विरोध किया, तो जान से मारने की धमकी दी तथा जबरिया ट्रकों से करीब दो करोड़ की मिट्टी खोद ले गए। मेरे दोनों भाईयों को 15 दिन तक बंधक भी बनाए रखा। इस दौरान चोरी से नीम व बबूल के हरे पेड़ भी काट ले गए और कुएं की बोरिंग भी नष्ट कर दी।

अर्जीकर्ता का यह भी आरोप है कि इस जमीन से संबधित कानूनी विवाद अदालतों में विचाराधीन है। जिसमें यथास्थिति बनाए रखने का आदेश है और इस बात की जानकारी सभी विपक्षीगणों को है।

बावजूद इसके विपक्षीगणों द्वारा आपराधिक साजिश व धोखाधड़ी तथा पद का दुरुपयोग कर उनके जाली हस्ताक्षर से प्रपत्र तैयार किया गया। फिर शासकीय कार्यालय में उसका इस्तेमाल कर खनन परिमट जारी कराया गया।

Harsh Pandey

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