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अगले 6 माह तक हाईकोर्ट में नहीं हो पाएगी जजों की नियुक्ति, लगभग 40% पद हैं रिक्त
रामानंद पांडेय
इलाहाबाद: वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस वर्ष भी जजों के पूरे पद नहीं भरे जा सकेंगे। हाईकोर्ट में जजों के कुल सृजित पदों की संख्या 160 है। जजों की 160 पदों की संख्या इलाहाबाद व लखनऊ बेंच दोनों मिलाकर है। अभी तक सभी 160 पदों पर नियुक्तियां नहीं हो सकी है।
इन 160 पदों के सापेक्ष लगभग 100 के करीब जज इलाहाबाद व इसकी लखनऊ बेंच में कार्यरत हैं, जबकि इनमें से 22 जज इसी वर्ष यानि 2018 में ही रिटायर हो जाएंगे। देश के सबसे बड़े प्रांत यूपी में जजों के पूरे पद न भरे जा सकने से प्रदेश के वादकारियों पर इसका सीधा असर पड़ता है।
अधिकारियों के मनमानीपूर्ण आदेश से सेवा से बर्खास्त कर्मचारियों के मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पा रही। परेशान कर्मी समय बीतने के साथ रिटायर हो जाते हैं। परिवार भुखमरी का शिकार तक हो रही है। जजों की हाईकोर्ट में नियुक्ति के लिए जो प्रक्रिया प्रचनल में है, उसके मुताबिक चीफ जस्टिस कोर्ट के दो सीनियर जजों की सहमति से वकीलों व लोअर जुडिशियरी से हाईकोर्ट जज नियुक्त करने के लिए नाम भेजता है। नाम, केन्द्र सरकार के विधि व न्याय मंत्रालय के अलावा, सुप्रीम कोर्ट, राज्य सरकार, पीएम ऑफिस को भी जाता है। इसमें सबका अपने अपने स्तर से नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में अलग- अलग रोल होता है।
अभी तक जो देखा गया है, उसके अनुसार हाईकोर्ट कोलेजियम से नाम भेजे जाने के बाद सभी प्रक्रियाओं से गुजरते हुए जज नियुक्त होने तक लगभग 6 माह का समय लग जाता है।
एक वर्ष से अधिक का समय बीत गया। अभी तक हाईकोर्ट ने ही जजों की नियुक्ति के लिए नाम नहीं भेजे हैं। अब अगर इस वर्ष यहां से जजों की नियुक्ति के लिए नाम भेजा जाएगा, तो भेजने के बाद नियुक्ति होने तक में लगभग 6 माह का समय लगना तय है। ऐसे में अब यही लग रहा है कि वर्ष 2018 में कम से कम अगले 6 माह तक हाईकोर्ट में जज की नियुक्ति नहीं होने जा रही है।