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पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और शहीदों की विधवाओं के दरवाजे पहुंचा एएफटी

पूर्व सैनिकों वीर नारियों और शहीदों की विधवाओं के दरवाजे तक न्याय पहुंचाने के उद्देश्य से आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल ने उत्तराखंड में एक शिविर का आयोजन किया। शिविर को अभूतपूर्व सफलता और सराहना मिली। इस शिविर का उद्देश्य पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और शहीद सैनिकों की विधवाओं को निशुल्क विधिक सहायता के बारे में शिक्षित और जागरूक करना था।

राम केवी
Published on: 29 Aug 2019 8:03 PM IST
पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और शहीदों की विधवाओं के दरवाजे पहुंचा एएफटी
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लखनऊ। पूर्व सैनिकों वीर नारियों और शहीदों की विधवाओं के दरवाजे तक न्याय पहुंचाने के उद्देश्य से आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल ने उत्तराखंड में एक शिविर का आयोजन किया। शिविर को अभूतपूर्व सफलता और सराहना मिली। इस शिविर का उद्देश्य पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और शहीद सैनिकों की विधवाओं को निशुल्क विधिक सहायता के बारे में शिक्षित और जागरूक करना था।

शिविर के चीफ कोआर्डिनेटर लेफ्ट.कर्नल (रिटायर्ड) व ज्वाइंट रजिस्ट्रार सीमित कुमार ने बताया कि शिविर का उद्देश्य आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल के गठन के उद्देश्य उसके न्याय क्षेत्र और कार्यप्रणाली से परिचित कराना भी था। उन्होंने बताया कि शिविर में भाग लेने वाले लोगों को बताया गया कि वह निशुल्क सहायता के लिए कैसे पैरा लीगल वालंटियर्स, लीगल क्लीनिक, तालसा डालसा और सालसा से संपर्क करें। वहां तक कैसे पहुंचें।

सीमित कुमार ने बताया कि जिला स्तर पर नियुक्त पैरा लीगल वालंटियर्स की लिस्ट को भी यहां बांटा गया। पूर्व सैनिकों वीर नारियों और विधवाओं के अधिकार और उन्हें मिलने वाले लाभों की जानकारी भी दी गई। इसके अलावा विधिक सहायता के आवेदन फार्म दिए गए।

गौरतलब है कि सशस्त्र बलों के कर्मियों (सर्विसिंग, रिटायर्ड, उनके आश्रित ) के हाई कोर्ट और सिविल कोर्ट में लंबित मामलों की लंबी कतार को देखते हुए 2007 में शीघ्र न्याय दिलाने के उद्देश्य से आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल एक्ट लागू किया गया। इसका उद्देश्य आर्म्ड फोर्सेज सदस्यों के लिए कम खर्चीला न्याय उपलब्ध कराना था और यह 2009 से प्रभावी हुआ।

सर्किट बेंच दो माह में एक जाती है नैनीताल

आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल एक्ट 2007 को लागू करते समय इस एक्ट में कहा गया की आर्म्ड फोर्सेस के कार्मिकों से संबंधित मामले जिस किसी कोर्ट में हो वह ट्रिब्यूनल की बेंचों में स्थानांतरित कर दिए जाएं और सभी नए मामले केवल आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल में फाइल किए जाएं।

इन 10 बेंचों के अलावा आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल लखनऊ बेंच का क्षेत्राधिकार उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड है। उत्तराखंड राज्य के लोगों की सुविधा के लिए एएफटी लखनऊ सर्किट बेंच 2 माह में एक बार स्टेट गेस्ट हाउस नैनीताल में जाती है।

उत्तराखंड से बहुत कम मामले आए

उत्तराखंड में अनुमानित तौर पर पौने दो लाख पूर्व सैनिक विधवाएं और वीर नारियां निवास करते हैं, लेकिन एएफ़टी के गठन के बाद से यहां केवल यहां काफी कम मामले आए हैं ।राज्य में पूर्व सैनिकों विधवाओं और वीर नारियों की संख्या को देखते हुए यह मामले बहुत कम है।

जागरुकता अभियान पर जोर

इस स्थिति को देखते हुए बेंच ने जागरूकता अभियान पर जोर दिया क्योंकि उत्तराखंड राज्य में लीगल सर्विस अथॉरिटी द्वारा निशुल्क विधिक सहायता सेवाएं प्रदान की जाती है बावजूद इसके इतने कम मामलों का दायर होना यह दर्शाता है कि राज्य के पूर्व सैनिकों विधवाओं और वीर नारियों में विधिक जागरूकता का अभाव है।

इस तरह से इस अभियान का उद्देश्य पूर्व सैनिकों विधवाओं वीर नारियों और उनके आश्रितों में विधिक जागरूकता लाना तो था ही साथ ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे लाभों की जानकारी देना भी था।

और जगह भी लगेंगे शिविर

जागरूकता अभियान के तहत यह शिविर रानीखेत में कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर में आयोजित किया गया जिसमें उत्तराखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी और उत्तराखंड राज्य सैनिक बोर्ड का ट्रिब्यूनल को सहयोग मिला जो इस उद्देश्य को प्राप्त करने की पहली सीढ़ी बना।

इस अभियान की सफलता के बाद ट्रिब्यूनल इसी तरह के गेम अल्मोड़ा बागेश्वर चंपावत नैनीताल और पिथौरागढ़ में भी आयोजित करने पर विचार कर रहा है।

ये रहे उपस्थित

इस शिविर के दौरान उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों विधवाओं वीर नारियों को केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न नीतियों से संबंधित सूचनाओं के बुकलेट बांटे गए इसके अलावा पैरा लीगल वालंटियर मोबाइल नंबर भी दिए गए।

इस शिविर की अध्यक्षता जस्टिस वीरेंद्र सिंह चेयर पर्सन आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल ने की इस अवसर पर एयर मार्शल बीबीपी सिन्हा, पीवीएसएम, एवीएसएम, मेम्बर एडमिनिस्ट्रेटिव, आर्म्ड फोर्सज ट्रिब्यूनल, मेजर जनरल प्रवीण कुमार, एसएम, वीएसएम, जज एडवोकेट जनरल, ब्रिगेडियर जीएस राठौर, कमांडेंट कुमाऊँ रेजीमेंटल सेंटर, डॉ डीके शर्मा डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन्स जज/मेंबर सेक्रेट्री उपस्थित रहे।

इसके अलावा उत्तराखंड स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी, श्री केके श्रीवास्तव, रजिस्ट्रार, आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल लखनऊ बेंच, लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) सीमित कुमार, ज्वाइंट सेक्रेट्री, आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल, लखनऊ बेंच, श्री शैलेंद्र शर्मा अटल, सीनियर गवर्नमेंट स्टैंडिंग काउंसल एंड इंचार्ज लिटिगेशन, आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल, लखनऊ उपस्थित रहे।

इस अवसर पर डायरेक्टर, राज्य सैनिक बोर्ड, उत्तराखंड और जिला सैनिक कल्याण अधिकारी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल और पिथौरागढ़ उपस्थित रहे। शिविर में 550 पूर्व सैनिक विधाएं वीर नारियां और उनके आश्रित उपस्थित रहे।



राम केवी

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