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अब्दुल्ला आजम सहित सपाइयों ने दी गिरफ्तारी, बाद में छोड़ा गया
पुलिस प्रशासन द्वारा किये गए कार्यवाही के खिलाफ आज सपा मुखिया ने सपाईयों को आजम खां के समर्थन में सुबह रामपुर पहुंचने का आदेश दिया था। इसके मददेनजर पुलिस सुबह से ही सतर्क हो गई और जिले की सीमायें सील कर किसी भी सपाई को शहर में घुसने नहीं दिया।
रामपुर: सपा सांसद आजम खां मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। बीते दिनों विश्वविद्यालय में पुलिस द्वारा सर्च आपरेशन चलाया गया था। सर्च आपरेशन में विश्वविद्यालय के परिसर में बनी मुमताज सेन्ट्रल लाइब्रेरी व प्रशासनिक भवन से करीब ढ़ाई हजार ऐतिहासिक किताबें, पाण्डुलिपियां, रामपुर का गजट, फर्नीचर बरामद हुआ जो जिले के राजकीय ओरिएन्टल काॅलेज यानी मदरसा आलिया से चोरी हुआ बताया जा रहा है।
जौहर यूनिवर्सिटी के परिसर से नवाबी दौर के दो शेर भी बरामद हुए
साथ ही जौहर यूनिवर्सिटी के परिसर से नवाबी दौर के दो शेर भी बरामद हुए जो कभी नवाबों के द्वारा जिले में बनवाये गये रामपुर क्लब के द्वार पर लगे हुए थे। रामपुर क्लब को तत्कालीन सपा सरकार में ध्वस्त कर अधिकारियों के लिए कम्पोजिट हास्टल बनाया गया है।
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इन मुददों पर पुलिस प्रशासन द्वारा किये गए कार्यवाही के खिलाफ आज सपा मुखिया ने सपाईयों को आजम खां के समर्थन में सुबह रामपुर पहुंचने का आदेश दिया था। इसके मददेनजर पुलिस सुबह से ही सतर्क हो गई और जिले की सीमायें सील कर किसी भी सपाई को शहर में घुसने नहीं दिया।
धारा 144 का हवाला देते हुए बसों में भरकर हिरासत में ले लिया
सपा कार्यालय पर सैकड़ों की संख्या में स्थानीय सपाई इकट्ठे हुए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस पर पुलिस ने उन्हें धारा 144 का हवाला देते हुए बसों में भरकर हिरासत में ले लिया। भीड़ का नेतृत्व आजम खां के बेटे और विधायक अब्दुल्ला आजम कर रहे थे जिन्हें भीड़ के साथ हिरासत में लेकर बाद में छोड़ दिया गया।
समाजवादियों के जमावडे़ के चलते पुलिस ने आज जिले को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया। एडीएम प्रशासन जगदम्बा प्रसाद के मुताबिक करीब डेढ़ दो सौ सपाईयों ने गिरफ्तारी दी है, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। इसके अलावा सुबह पीलीभीत के ब्लाॅक प्रमुख अरूण कुमार किसी बीमार को जौहर विश्वविद्यालय के मैडिकल काॅलेज में इलाज कराने लाये थे।
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इस दौरान पुलिस ने उन्हें उनके समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के साथ नजरबंद कर अज्ञात स्थान पर भेज दिया गया।
जौहर विश्वविद्यालय में सिर्फ छात्रावास में रहने वाले और पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राओं को जाने दिया गया। यूनिवर्सिटी के गेट पर पुलिस ने बड़ी संख्या में पुलिस के द्वारा नाकेबंदी की थी जिसके कारण कोई भी सपाई यूनिवर्सिटी नहीं पहुंचा।