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अपने ही लगा रहे पलीता!: मकडज़ाल में योगी के मंत्री और 'दलाल' के कारनामे

aman
By aman
Published on: 15 July 2017 5:32 AM IST
अपने ही लगा रहे पलीता!: मकडज़ाल में योगी के मंत्री और दलाल के कारनामे
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अपने ही लगा रहे पलीता: मकडज़ाल में योगी के मंत्री और 'दलाल' के कारनामे

आरबी त्रिपाठी

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने शासन तंत्र के कील-कांटे दुरुस्त करने में लगे हुए हैं, लेकिन उनके मंत्रिमंडल के कुछ सहयोगी उसी पुराने ढर्रे पर हैं जैसे कि पिछली सरकार के कुछ मंत्री थे। ऐसा ही एक नाम उभरा है प्रदेश की बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री अनुपमा जायसवाल का।

बताया जाता है, कि मंत्री की आड़ में एक अवांछित व्यक्ति मंत्री के विभागों से जुड़े काम कराने के ठेके लेता घूम रहा है। इस शख्स का नाम मनीष जायसवाल बताया जाता है जिसे एआरटीओ बहराइच ने ‘दलाली’ करार देते हुए उस पर कार्रवाई की सिफारिश की थी। पिछले विधानसभा चुनाव में अनुपमा जायसवाल के जीतने के बाद मनीष जायसवाल ने नवनिर्वाचित विधायक के साथ अपने फोटो के होर्डिंग से पूरे बहराइच को पाट दिया था। बताया जाता है कि इसी शख्स ने एक लक्जरी गाड़ी भेंट की थी।

'दलाल' के कारनामे

मनीष जायसवाल के खिलाफ दो साल पहले बहराइच में विभागीय अफसरों की ओर से मुकदमा तक दर्ज कराया जा चुका है। मनीष के खिलाफ जिले के चार थानों में 342, 504, 506, 394, 352, 337, 323, 279, 336 आदि धाराओं के तहत सात मुकदमे दर्ज हैं। इतना ही नहीं, उसी समय राजधानी लखनऊ से उपपरिवहन आयुक्त श्रीकृष्ण सिंह ने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) बहराइच श्रीराम यादव को पत्र लिखकर मनीष जायसवाल को दलाल बताते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई कराने को कहा था। पत्र में लिखा है कि ‘मनीष गुंडई के बल पर कार्यालय कर्मचारियों से जबर्दस्ती महत्वपूर्ण रजिस्टरों एवं अभिलेखों को गैरकानूनी तरीके से अपने हाथों से निकालता है एवं अभिलेखों को गायब करने की फिराक में लगा रहता है। वह कर्मचारियों पर अवैधानिक दबाव बनाकर उन्हें जान-माल की धमकी देता है।’ पत्र की प्रतिलिपि परिवहन आयुक्त, कमिश्नर देवीपाटन मंडल, डीएम और एसपी समेत कई अफसरों को भेजी गई थीं।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें आरबी त्रिपाठी का लेख ...

गैंगस्टर एक्ट लगाने की मांग की थी

एआरटीओ के कर्मचारियों ने भी कई बार चिट्ठियां लिखकर उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में दर्ज मुकदमों का जिक्र करते हुए उस पर गैंगस्टर एक्ट लगाने की मांग की थी। यहां तक लिखा था कि मनीष जायसवाल की वजह से दफ्तर में काम करना कठिन हो गया है। उस पर असलहों के बल पर वसूली के आरोप हैं। मनीष का बहराइच के एक जमीन कारोबारी देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह से गहरा रिश्ता बताया जाता है। गब्बर खुद को सपा का जिला उपाध्यक्ष भी लिखता रहा है। उस पर बैंक लूट, जमीन कब्जा करने जैसे गंभीर मामलों के दर्जनों मुकदमे बहराइच के विभिन्न थानों में दर्ज हैं।

पतिदेव हैं मंत्री के प्रतिनिधि

अनुपमा जायसवाल के पति अशोक जायसवाल इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक गोंडा रोड बहराइच की चिलवरियां ब्रांच में बतौर मैनेजर तैनात हैं। लेकिन मंत्री के पति महोदय हर जगह अपनी पत्नी के प्रतिनिधि के तौर पर खुद को पेश करते हैं। बताया जाता है कि वह शायद ही कभी अपने दफ्तर जाते हों। बैंक के एजीएम एके श्रीवास्तव का कहना है कि अशोक जायसवाल जब छुट्टी पर नहीं होते तो बैंक में काम करने आते हैं।

बैठकों में पति और परिवार

बताया जाता है कि मंत्री अनुपमा जायसवाल जब विकास भवन में अधिकारियों के साथ बैठक करती हैं तो मनीष जायसवाल, मंत्री के पति अशोक जायसवाल और उनकी बेटी ऐश्वर्या जायसवाल और दूसरी बेटी भी वहां बैठती है। सूत्र बताते हैं कि लखनऊ में बैठने वाले पार्टी के एक हैवीवेट पदाधिकारी का मंत्री अनुपमा जायसवाल पर वरदहस्त है। पदाधिकारी महोदय कहीं और गए हों, न गए हों लेकिन बहराइच में पार्टी की मीटिंग में गए और उनके भाषण के बाद मंत्री की बेटी का भाषण करवाया गया, जो कि पार्टीगत शिष्टाचार के खिलाफ माना गया। फिर भी बड़े पदाधिकारी की मंशा और संकेतों के चलते स्थानीय पदाधिकारी और नेता कुछ बोल नहीं पाए।

मुख्यमंत्री की बातों की भी अनदेखी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मई में गोंडा गए थे। मंडलीय समीक्षा बैठक के दौरान उनका जोर बेसिक शिक्षा विभाग की खामियों पर ही था। सूत्र कहते हैं कि मुख्यमंत्री को अपनी मंत्री के विभाग में चल रहे कारनामों और ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर शुरू किए गए खेल की जानकारी मिल गई थी। लोगों ने दलाल और उनके पति की गतिविधियों तक से उन्हें अवगत करा दिया था। इसीलिए मुख्यमंत्री ने चार बार चेतावनी भरे शब्दों में कहा था कि 'सारे बीएसए सुन लें, अगर ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर धनउगाही की गई तो एक-एक की खबर लूंगा।'

नहीं आया रवैये में फर्क

इतनी तगड़ी चेतावनी के बाद भी मंत्री के रवैये में कोई फर्क नहीं आया। हालत यह है कि बहराइच के बीएसए अमरकांत सिंह जो साढ़े तीन साल से वहां तैनात हैं और सपाइयों से उनकी सांठगांठ किसी से छिपी नहीं है, वह अब तक वहीं जमे हैं जबकि 21 बीएसए बदल दिए गए।

मंत्री ने नहीं उठाया फोन

इस पूरे मामले में मंत्री अनुपमा जायसवाल का पक्ष जानने के लिए उन्हें कई बार फोन किया गया मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया। उन्हें एसएमएस भी किया गया, लेकिन उन्होंने न तो कोई फोन किया और न ही एसएमएस का जवाब दिया।

मंत्री के पति ने समारोह में जाने की बात मानी

‘मैं बैंक में काम कर रहा हूं, लेकिन जिस दिन अवकाश होता है, उसी दिन अपनी पत्नी के साथ समारोहों में जा पाता हूं। आप सांसद दद्दन मिश्र और मंत्री के साथ के समारोह के जिस फोटो का जिक्र कर रहे हैं, वह श्रावस्ती का कार्यक्रम है। मैं अवकाश के दिन उस कार्यक्रम में शरीक हुआ था। इसमें कोई गलती नहीं है। ....किसी के परिवार की कोई महिला राजनीति में होती है तो परिवार के लोगों को मदद में साथ रहना ही पड़ता है। जहां तक दलालों से घिरे रहने या मनीष जायसवाल की बात है तो वह हमारे साथ नहीं रहता। अगर वह हमारे नाम का कहीं गलत इस्तेमाल करेगा तो बताइएगा, हम कार्रवाई कराएंगे। एक इंडीवर गाड़ी मनीष जायसवाल लेकर आया था। उसमें उसने विधायक लिखा दिया था, लेकिन हम लोगों ने वह गाड़ी नहीं ली। मनीष जायसवाल गलत आदमी है, लेकिन चुनाव के दौरान तो बहुत से लोगों को साथ लेना पड़ता है। उसके कारनामों से हमारा कोई वास्ता नहीं। मनीष जायसवाल हाल में ही आरटीओ का ट्रांसफर कराने के लिए आया था, लेेकिन मंत्री ने उसे डांटकर भगा दिया। आप परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव जी से पूछ लीजिए कि मंत्री (अनुपमा ) ने उनसे एक भी ट्रांसफर के लिए कहा हो। हम लोग ठीक काम कर रहे हैं,लेकिन हमारे विरोधी सक्रिय हैं। इसलिए मंत्री के बारे में इस तरह की बातें कही जा रही हैं।’

- अशोक जायसवाल, बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल के पति



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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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