जानिए कैसे: नन्हे अंश को होली पर दिया नए जीवन का तोहफा

क्या आपने ऐसे किसी बच्चे के बारे में कभी सुना है जो जन्म होने के एक साल बाद तक न कुछ भी खाया हो और न ही कुछ पिया हो। तो आइए newstrack.com आ

Anoop Ojha
Published on: 5 March 2018 1:54 PM GMT
जानिए कैसे: नन्हे अंश को होली पर दिया नए जीवन का तोहफा
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जानिए कैसे: नन्हे अंश को होली पर दिया नए जीवन का तोहफा

अमित यादव

लखनऊ: क्या आपने ऐसे किसी बच्चे के बारे में कभी सुना है जो जन्म होने के एक साल बाद तक न कुछ भी खाया हो और न ही कुछ पिया हो। तो आइए newstrack.com आपको ऐसे नन्हे-मुन्ने के बारे में बता रहा है जो बिना आहार नली के ही इस दुनिया में आया था और आज तक बिना खाए-पीए सांस ले रहा था। होली के मौके पर राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के डॉक्टरों ने उस बच्चे को कृत्रिम आहार नली गले तक से जोड़कर नया सौगात दिया है। पैदा होने के एक साल बाद तक नन्हा बच्चा खाने-पीने के लिए संघर्ष कर रहा था। उसका इंतजार होली जैसे पावन पर्व पर खत्म हुआ और वह पहली बार अपने मुंह में दूध की बूंदे लेने में सफल हो सका है। ऐसा संभव किया है केजीएमयू के पिडियाट्रिक सर्जरी विभाग के विशेषज्ञों ने। तो आइए हम आपको बताते है उस नन्हे बच्चे की पूरी कहानी।

KGMU: नन्हे अंश को होली पर दिया नए जीवन की सौगात जानिए कैसे: नन्हे अंश को होली पर दिया नए जीवन का तोहफा

जन्म से ही नहीं थी आहार नली

बालागंज चौक के रहने वाले तेज बहादुर को एक साल पहले एक बच्चा पैदा हुआ था। उन्होंने अपने नन्हे का नाम बड़ी खुशी से अंश पटेल रखा। लेकिन कुछ समय बाद ही परिवार को पता चला कि बच्चे में खाने की नली जन्म से ही नहीं बनी है। इसके बाद परिवार में दुख की छटा घिर आई। फिर पिता तेज बहादुर अपने बच्चे को केजीएमयू के बाल रोग विभाग में लेकर आ गए और इसके बाद से लगातार विभाग के डॉ जेडी रावत के अंडर में इलाज चालू हो गया।

27 दिसंबर 2016 को पहली सर्जरी हुई

नन्हे अंश का 27 दिसंबर 2016 को पहली बार केजीएमयू के डॉक्टरों की टीम ने जटिल आपरेशन करके खाने की नली को पेट से बनाया गया, जिससे कि उसको आहार पहुंचाया जा सके। इसके अलावा गले में थूक निकालने के लिए एक नली भी बनाई गई, जिसके कि थूक छाती में न पहुंचे। फिर 10 महीने बाद 29 नवंबर 2017 को पुनः बच्चे का आपरेशन किया गया। इसमें पेट से आहार नली बनाई गई। आपको बता दें कि यह आहार नली पूरी तरह से कृत्रिम है।

20 फरवरी को हुआ फाइनल

इसके बाद जब बच्चा एक साल का हो गया तो 20 फरवरी 2018 को कृत्रिम आहार नलिका को गले से जोड़ा गया और आखिरी में होली के अवसर पर बच्चे ने पहली बार अपने मुंह में दूध लिया।

पदम श्री ने पिलाया दूध

केजीएमयू के एओडी पदम श्री डॉ एस एन कुरील ने नन्हे-मुन्ने अंश को पहली बार दूध पिलाया।

इन डॉक्टरों की टीम ने बच्चे को दिया जीवन दान

तीनों स्टेज की सर्जरी में डॉक्टरों की टीम में प्रो जेडी रावत, डॉ सुधीर सिंह, डॉ गुरमीत सिंह, डॉ हेमलता एवं टीम की सिस्टर वंदना शामिल रहे। इतने लोगों की संयुक्त टीम ने अंश को नया जीवन दान दिया है। परिवार के लोग खुशी के मारे झूम रहे हैं और केजीएमयू के चिकित्सकों को धन्यवाद बोल रहे हैं।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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